हिमांगी सखी का कहना है कि किन्नर अखाड़े ने एक स्त्री का महामंडलेश्वर क्यों बनाया है. उन्होंने ममता कुलकर्णी को दीक्षा दिए जाने पर सवाल उठाते हुए कहा कि किन्नर अखाड़ा किन्नरों के लिए है, तो फिर एक स्त्री को महामंडलेश्वर क्यों बनाया? अगर इसी तरह हर वर्ग को महामंडलेश्वर बनाना है तो फिर अखाड़े का नाम किन्नर क्यों रखा गया है.
डेढ़ साल से अखाड़े के संपर्क में थीं ममता
बता दें कि शुक्रवार की दोपहर को अभिनेत्री ने दीक्षा ली और शाम को उन्होंने संगम पर अपना पिंडदान कर दिया. वे स्वामी महेशाद्रानंद गिरि के पास रह रही हैं. ममता कुलकर्णी ने डॉ. लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी से बात करते हुए महाकुंभ मेले पर अपनी राय दी और उसकी तारीफ भी की. अभिनेत्री को संतों का आशीर्वाद मिला और फिर उन्हें गंगा स्नान का सौभाग्य मिला. बताया जा रहा है कि ममता कुलकर्णी पिछले करीब डेढ़ साल से अखाड़े के संंपर्क में थीं.