रूस ने आखिर बता दी तीसरे विश्व युद्ध की तारीख! कहा- यूक्रेन ने अगर ये कदम उठाया तो…

 

Ukraine Russia War: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की परमाणु धमकियों के बाद पहली बार NATO ने अपनी सेना को युद्ध में भेजने को लेकर बड़ा बयान दिया है. न्यूज़ एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, NATO के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को कहा कि एक रूसी परमाणु हमले से संघर्ष की दिशा बदल जाएगी, जिसमें NATO रूस पर हमला भी कर सकता है.

मॉस्को. नाटो जल्द ही तीसरे विश्व युद्ध का कारण बन सकता है. रूस की शक्तिशाली सुरक्षा परिषद के उप सचिव, अलेक्जेंडर वेनेडिक्टोव ने गुरुवार को एक साक्षात्कार में राज्य की समाचार एजेंसी तास को बताया कि अगर यूक्रेन नाटो का सदस्य बनता है तो यह तीसरे विश्व युद्ध (Third World War) का कारण बन सकता है. TASS ने वेनेडिक्टोव का हवाला देते हुए कहा कि कीव अच्छी तरह से जानता है कि इस तरह के कदम का मतलब तीसरे विश्व युद्ध के लिए एक गारंटी होगी.

साथ ही वेनेडिक्टोव ने UN में रूस की स्थिति को भी दोहराया कि पश्चिम ने यूक्रेन की मदद करके संकेत दिया कि वे इस संघर्ष के प्रत्यक्ष पक्ष हैं. आपको बता दें कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा आंशिक रूप से कब्जे वाले क्षेत्रों को रूसी भूमि के रूप में घोषित करने के फैसले के बाद ही यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने नाटो सैन्य गठबंधन की फास्ट-ट्रैक सदस्यता के लिए आवेदन करने की घोषणा की थी. यूक्रेन के इस फैसले के बाद से रूस लगातार परमाणु हमले की धमकी दे रहा है.

परमाणु हमला होने पर नाटो करेगा कार्रवाई
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की परमाणु धमकियों के बाद पहली बार NATO ने अपनी सेना को युद्ध में भेजने को लेकर बड़ा बयान दिया है. न्यूज़ एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, NATO के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को कहा कि एक रूसी परमाणु हमले से संघर्ष की दिशा बदल जाएगी, जिसमें NATO रूस पर हमला भी कर सकता है. अधिकारी ने गुरुवार को NATO के परमाणु योजना समूह की बैठक में कहा कि मॉस्को द्वारा परमाणु हथियारों के किसी भी तरह के उपयोग का परिणाम रूस के लिए बेहद नुकसानदेह होगा.

NATO के अधिकारी ने बताया कि मॉस्को द्वारा परमाणु हमला निश्चित रूप से यूक्रेन के कई सहयोगियों सहित NATO को भी सैन्य कार्रवाई करने के लिए बाध्य कर सकता है. उन्होंने कहा कि अभी भी मॉस्को अपनी परमाणु धमकियों का इस्तेमाल मुख्य रूप से नाटो और अन्य देशों को यूक्रेन के साथ सीधे अपने युद्ध में प्रवेश करने से रोकने के लिए कर रहा है.

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