रूस-यूक्रेन जंग के बीच रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने आज नई दिल्ली स्थित हैदराबाद हाउस में विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात की। वह गुरुवार को दो दिवसीय भारत यात्रा पर पहुंचे हैं। कूटनीतिक और यूक्रेन से जंग के लिहाज से सर्गेई की भारत यात्रा को बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है। उनकी इस यात्रा पर अमेरिका समेत कई यूरोपीय देश भी नजरें टिकाए हुए हैं। बैठक के दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि, यह बैठक कोरोना महामारी व कठिन अंतरराष्ट्रीय वातावरण के बीच हो रही है। हमारे कई क्षेत्रों में द्विपक्षीय रिश्ते बने हुए हैं। भारत हमेशा कूटनीति के जरिए विवादों को सुलझाने के पक्ष में रहा है।
पीएम मोदी को ‘थैंक यू’
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात के दौरान रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा कि, भारत और रूस सामरिक भागीदारी विकसित करते रहे हैं। यह हमारी प्राथमिकता का हिस्सा है। हम निश्चित रूप से विश्व व्यवस्था में संतुलन बनाने में रुचि रखते हैं। हमारे राष्ट्रपति ने पीएम मोदी को शुभकामनाएं भेजी हैं। उन्होंने आगे कहा कि, हम भारत की सराहना करते हैं कि यूक्रेन मुद्दे पर भारत एकतरफा दबाव में न आकर पूरी सूझबूझ के साथ आगे बढ़ रहा है।
लावरोव बोले, कई दशकों तक भारत के साथ संबंध विकसित किए
सुरक्षा चुनौतियों के मामले में भारत का समर्थन कैसे किया जा सकता है, इस सवाल पर रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा कि हमारी बातचीत उन संबंधों की विशेषता है जो हमने कई दशकों तक भारत के साथ विकसित किए हैं। संबंध रणनीतिक साझेदारी हैं, यह वह आधार है जिस पर हम सभी क्षेत्रों में अपने सहयोग को बढ़ावा दे रहे हैं। लावरोव ने कहा कि मेरा मानना है कि भारतीय विदेश नीतियों की विशेषता स्वतंत्रता और वास्तविक राष्ट्रीय वैध हितों पर ध्यान केंद्रित करना है। रूसी संघ में यही नीति काम करती है और यह हमें बड़ा देश, अच्छे दोस्त और वफादार भागीदार बनाती है।
कोई दबाव हमारी साझेदारी को प्रभावित नहीं करेगा
रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से जब पूछा गया कि क्या भारत पर अमेरिकी दबाव भारत-रूस संबंधों को प्रभावित करेगा, उन्होंने कहा- मुझे कोई संदेह नहीं है कि कोई दबाव हमारी साझेदारी को प्रभावित नहीं करेगा। वे (अमेरिका) दूसरों को अपनी राजनीति का पालन करने के लिए मजबूर कर रहे हैं। यूक्रेन के बारे में पूछे जाने पर लावरोव ने कहा, आपने इसे युद्ध कहा जो सच नहीं है। यह एक विशेष ऑपरेशन है, सैन्य ढांचे को निशाना बनाया जा रहा है। हमारा उद्देश्य कीव शासन को रूस के लिए किसी भी खतरे को पैदा करने की क्षमता से वंचित करना है।
भारत को किसी भी सामान की आपूर्ति करने के लिए तैयार
भारत को तेल आपूर्ति की पेशकश, रुपया-रूबल भुगतान और प्रतिबंधों को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में लावरोव ने कहा कि अगर भारत हमसे कुछ भी खरीदना चाहता है, तो हम चर्चा करने और पारस्परिक रूप से सहयोग तक सहमति बनाने के लिए तैयार हैं। हम भारत को किसी भी सामान की आपूर्ति करने के लिए तैयार रहेंगे जो वह हमसे खरीदना चाहता है। हम चर्चा के लिए तैयार हैं। रूस और भारत के बीच बहुत अच्छे संबंध हैं।
काफी अहम है मुलाकात
यूक्रेन पर रूस की ओर से हमले की शुरुआत करने के बाद से रूसी विदेश मंत्री की यह पहली भारत यात्रा है। यूक्रेन के खिलाफ अपनी कार्रवाई को रूस एक विशेष सैन्य अभियान कहता है। रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जराखोवा ने बताया था कि लावरोव शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात करेंगे। हालांकि, लावरोव की यात्रा को लेकर भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर से जारी की गई मीडिया एडवायजरी में पीएम के साथ लावरोव की बैठक का कोई उल्लेख नहीं है।
मुलाकात से पहले अमेरिका का आया था बयान
इस मुलाकात से पहले अमेरिका की ओर से भारत-रूस संबंध पर बयान जारी किया गया था। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा है कि, विभिन्न देशों के रूसी संघ के साथ अपने संबंध रहे हैं। यह इतिहास का तथ्य है। एक भौगोलिक सच है। हम इसे बिल्कुल नहीं बदलना चाहते हैं। हम यह देखने का प्रयास कर रहे हैं कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय एक स्वर में बोल रहा है कि नहीं। उन्होंने कहा कि, भारत समेत कई देशों को इस अनुचित, अकारण आक्रामकता के खिलाफ प्रमुखता से बोलना चाहिए और हिंसा को खत्म करने का आह्वान करना चाहिए।