AI के दुरुपयोग को लेकर HC से सद्गुरु ने लगाई गुहार, बोले- ‘मेरे अनुमति के बिना हो रही ये चीजें

ईशा फाउंडेशन के संस्थापक व लोगों को जीवन का ज्ञान देने वाले आध्‍यात्मिक सद्गुरु जग्‍गी वासुदेव खुद हाई कोर्ट की शरण में पहुंचे हैं। सद्गुरु ने दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर अपने व्यक्तित्व अधिकारों (personality rights) की रक्षा की मांग की है। उन्‍होंने खासकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के दुरुपयोग से खुद के अधिकारों की सुरक्षा करने की गुहार लगाई है। उनके वकील ने अदालत को बताया कि सद्गुरु की बिना अनुमति उनके नाम और तस्वीर का उपयोग कर कई उत्पाद बाजार में बेचे जा रहे हैं। अब मामले पर सुनवाई के बाद दिल्‍ली हाईकोर्ट के जज जस्टिस सौरभ बनर्जी ने मामले में अंतरिम आदेश पारित करने पर हामी भरी है।

आध्यात्मिक गुरु सद्गुरु के वकील ने अदालत को बताया कि कुछ अनधिकृत वेबसाइटें और विक्रेता सद्गुरु के नाम पर उत्पाद बेच रहे हैं, जिससे उनकी प्रतिष्ठा और अधिकारों का उल्लंघन हो रहा है। इस मामले की सुनवाई के दौरान सद्गुरु की ओर से पेश हुए सीनियर वकील साईकृष्ण राजगोपाल ने कोर्ट से अनुरोध किया कि सद्गुरु के व्यक्तित्व अधिकारों की रक्षा के लिए एक डाइनामिक इंजंक्शन (Dynamic Injunction) जारी किया जाए। यह आदेश भविष्य में ऐसे सभी संभावित उल्लंघनों पर रोक लगाने के लिए आवश्यक बताया गया।

अमिताभ बच्चन, जैकी श्रॉफ और रजत शर्मा जैसी हस्तियों भी लगा चुके है ऐसी याचिका

हाईकोर्ट ने जग्‍गी वासुदेव की याच‍िका पर कहा कि वह इस विषय पर विस्तृत आदेश पारित करेगा। बता दें कि इससे पहले भी कई प्रसिद्ध हस्तियां जैसे अमिताभ बच्चन, जैकी श्रॉफ, रजत शर्मा, अरिजीत सिंह और मोहन बाबू ने अपने नाम और छवि के अवैध उपयोग को रोकने के लिए हाईकोर्ट का रुख किया है। ये याचिकाएं व्यक्तित्व अधिकारों की सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कानूनी पहल मानी जाती हैं।

योग, शिक्षा, पर्यावरण और समाजसेवा के क्षेत्र में कार्य करती है ईशा फाउंडेशन

सद्गुरु जग्‍गी वासुदेव ने साल 1992 में ईशा फाउंडेशन की स्थापना की, जो आज विश्वभर में योग, शिक्षा, पर्यावरण और समाजसेवा के क्षेत्र में कार्य कर रही है। इनर इंजीनियरिंग जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से उन्होंने करोड़ों लोगों को भीतर की शांति का मार्ग दिखाया। सद्गुरु कहते हैं कि आपका अनुभव ही आपका जीवन है। इसे भीतर से बदलो, बाहर की दुनिया बदल जाएगी।

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