छत्तीसगढ़ । मेडिकल कॉलेज / अस्पताल जगदलपुर में सफ़ाई व्यवस्था के लिए सीएमएस नाम की कंपनी को शासन ने ठेका दिया हुआ है। उक्त कंपनी द्वारा कर्मचारियों को शासन द्वारा तय न्यूनतम वेतनमान नही दिया जाता है और अनिवार्य साप्ताहिक अवकाश से भी उन्हें वंछित रखा गया है। इस बात की शिकायत जब श्रम अधिकारी से कर्मचारियों ने किया तब कंपनी प्रबंधन ने दबाव बनाने के अनेको प्रयास किए, लेकिन अपनी मांग पर डटे रहने वाले कर्मचारियों का मनोबल कमज़ोर नही कर पाए। महिला कर्मचारियों द्वारा सामूहिक रूप से कामगार सभा के नेतृत्व में किसी को 04 माह तो किसी को 12 माह का वेतन नही देने की श्रम विभाग में शिक़ायत की गई थी। इसी तरह कोविड संक्रमण के समय काम पर लियर गके कर्मचारियो को अब तक भुगतान ना होने की शिकायत भी की गई जिससे तिलमिलाए स्थानीय प्रबंधक लखपाल सिंह और श्रवण भास्कर ने 20 से अधिक कर्मचारियों को बिना वेतन दिए ही किसी पूर्व सूचना के बगैर ही सेवा से बेदखल कर दिया है।
इस बात से नाराज़ मेडिकल कॉलेज/अस्पताल में सफ़ाई व्यवस्था संभालने वाले 200 के लगभग महिला सफ़ाई कर्मचारियों ने प्रबंधन को कार्यालय पर मैनेजर के उपस्थित न होने की स्तिथि में मौखिक रूप से 48 घंटे के भीतर भुगतान करने व कर्मचारियों को वापस काम में लेने के लिए चेतावनी देते हुए काम बंदी करके सामूहिक रूप से हड़ताल की जाने की बात कही थी। इस संबन्ध में सीएमएस के स्थानीय कार्यालय में आवेदन देकर अगले 24 घण्टे में सामूहिक रूप से हड़ताल पर जाने की घोषणा कर दी है। सफ़ाई कर्मचारियों के सामूहिक रूप से हड़ताल पर जाने की वजह से मेडिकल कॉलेज/अस्पताल की सफाई व्यवस्था चरमरा जाएगी, यह अंदेशा कामगार सभा के प्रमुख संरक्षक ने लगाते हुए कंपनी के स्थानीय प्रबंधक श्रवण भास्कर से फोन पर बात करके जल्द भुगतान कराने व कर्मचारियों को वापस सेवा में लेने की अपील की है।