नई दिल्ली. वित्त वर्ष 2022-23 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई 2023 है. इसी बीच लोग ITR फाइल करना शुरू कर चुके हैं. ज्यादातर यही देखा जाता है कि इनकम टैक्स वही लोग देते हैं जो टैक्सेबल इनकम की कैटेगरी में शामिल होते हैं. वहीं, जो लोग नॉन टैक्सेबल इनकम कैटेगरी में आते हैं वे सोचते हैं कि उन्हें सरकार ने जब इनकम टैक्स नहीं भरने के लिए छूट दी हुई है तो उन्हें आईटीआर भरने की क्या जरूरत है?
अगर आपकी इनकम नॉन टैक्सेबल कैटेगरी में आती है तो भी आपको इनकम टैक्स रिटर्न जरूर भरना चाहिए. इनकम टैक्स रिटर्न भरने के कई फायदे हैं. आइए जानते कि इनकम टैक्स रिटर्न भरने वाले लोगों को क्या-क्या सुविधाएं मिलती है.
इनकम का सबसे वैलिड प्रूफ है ITR
जब आप ITR फाइल करते हैं तो आपको एक सर्टिफिकेट मिलता है, जो इस बात का सबसे वैलिड सरकारी प्रूफ होता है कि आपकी सालाना इनकम कितनी है. इनकम का रजिस्टर्ड प्रूफ मिलने से आपके लिए क्रेडिट कार्ड, लोन आदि लेना आसान हो जाता है. इससे आपको अपनी क्रेडिट हिस्ट्री साबित करने में भी मदद मिलती है. इसके अलावा अगर इनकम टैक्स स्लैब के दायरे में नहीं आने वाले किसी व्यक्ति TDS कटता है तो वह रिटर्न भरकर टैक्स रिफंड ले सकता है.
नया बिजनेस शुरू करने में करेगा मदद
अगर आप कोई नया बिजनेस शुरू करना चाहते हैं तो भी इनकम टैक्स रिटर्न इसमें आपकी काफी मदद करता है. वहीं, किसी सरकारी डिपार्टमेंट से कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने में भी ITR काम आता है. अगर आप मैनुअली इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते हैं तो उसकी रसीद रजिस्टर्ड एड्रेस पर भेजी जाती है. इससे यह आपके एड्रेस प्रूफ के तौर पर भी स्वीकार की जाती है. इस तरह ITR सर्टिफिकेट आपका एड्रेस प्रूफ भी बन जाता है.
Visa हासिल करने के लिए है जरूरी
जब भी आप देश के बाहर किसी और देश की यात्रा करते हैं तो ट्रैवल करने से पहले वीजा (Visa) की जरूरत होती है. वीजा अप्लाई करते समय इनकम टैक्स रिटर्न मांगा जाता है. आमतौर पर वीजा अथॉरिटीज आपसे 3 से 5 साल का ITR मांग सकती है. आप जिस देश की यात्रा करना चाहते हैं उस देश की अथॉरिटीज ITR के जरिए ये चेक करती है कि आपका फाइनेंशियल स्टेटस क्या है.
स्टॉक मार्केट का नुकसान एडजस्ट करने में मदद
अगर आपने स्टॉक मार्केट या म्यूचुअल फंड में निवेश किया है तो यहां भी ITR आपके काम आ सकता है. अगर आपको स्टॉक मार्केट या म्यूचुअल फंड से कोई नुकसान उठाना पड़ता है तो उसे अगले साल कैरी फॉरवर्ड किया जा सकता है. हालांकि, इसके लिए आपको इनकम टैक्स की ओर से तय की गई डेडलाइन से पहले ITR फाइल करना जरूरी है. इसके बाद आप अगले साल कैपिटल गेन होने पर घाटे को फायदे से एडजस्ट करके टैक्स छूट में लाभ हासिल कर सकते हैं.