राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (Droupadi Murmu) ने सोमवार को CJI से सलाह मशविरा के बाद सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के साथ-साथ जम्मू कश्मीर और लद्दाखा हाईकोर्ट के लिए 4 जजों की नियुक्ति की कर दी है. इनमें कलकत्ता हाईकोर्ट (Calcutta High Court) के जस्टिस जॉयमाल्या बागची (Joymalya Bagchi) भी शामिल है, जिन्हें सुप्रीम कोर्ट भेजा गया है. जस्टिस बागजी 25 मई 2031 को जस्टिस केवी विश्वनाथन के रिटायर होने पर देश के मुख्य न्यायाधीश बनेंगे.
देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट में एक और जज की नियुक्ति की गई है. सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम की सिफारिश पर कलकत्ता हाई कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस जॉयमाल्या बागची को सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश नियुक्त किए गए है. उनकी नियुक्ति का ऐलान कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर किया.
गौरतलब है कि जस्टिस बागची को 27 जून 2011 को कलकत्ता हाई कोर्ट में जस्टिस नियुक्त किया गया था. लेकिन उनका 4 जनवरी 2021 को आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया गया था. न्यायाधीश बागची को 8 नवंबर 2021 को कलकत्ता हाई कोर्ट में फिर से वापस भेज दिया गया और तब से वह वहीं कार्यरत हैं.
6 साल का होगा कार्यकाल
जस्टिस जॉयमाल्या बागची का सुप्रीम कोर्ट में कार्यकाल 6 साल से अधिक का होगा. इस दौरान वह सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में भी काम करेंगे. वह 2 तक अपनी रिटायरमेंट तक पद पर बने रहेंगे. बता दें कि, हाई कोर्ट में के जजों के रिटायर होने की उम्र 62 साल होती है तो वहीं सुप्रीम कोर्ट के जजों 65 साल में रिटायर होते हैं.
लंबे समय से HC में जज रहे जस्टिस बागची
जस्टिस बागची को 27 जून 2011 को कलकत्ता हाई कोर्ट में जस्टिस नियुक्त किया गया था. हालांकि उनका 4 जनवरी 2021 को आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया गया था. 8 नवंबर 2021 को कलकत्ता हाई कोर्ट में उन्हें फिर से वापस भेज दिया गया और तब से वह वहीं कार्यरत हैं.
जस्टिस बागची ने 13 सालों से अधिक समय तक हाई कोर्ट के जज के रूप में काम किया है. उन्होंने अपने लंबे कार्यकाल के दौरान कानून से जुड़े विविध क्षेत्रों में कई अहम अनुभव भी हासिल किया. जस्टिस बागची के शपथ लेने के बाद सुप्रीम कोर्ट में जजों की संख्या 33 हो जाएगी जबकि स्वीकृत संख्या 34 है.
