नई दिल्ली। संसद की लोक लेखा समिति ने गुरुवार को होने वाली बैठक स्थगित कर दी. दरअसल, भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की अध्यक्ष माधबी पुरी बुच और अन्य अधिकारियों ने बैठक शुरू होने से कुछ घंटे पहले इसमें शामिल होने में असमर्थता जताई थी. पीएसी की अध्यक्षता कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल कर रहे हैं.
लोक लेखा समिति (पीएसी) के प्रमुख और कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा, “समिति की पहली बैठक में ही हमने अपने नियामक निकायों की समीक्षा के लिए स्वत: संज्ञान विषय रखने का फैसला किया. इसीलिए हमने आज सुबह सेबी को समीक्षा के लिए बुलाया. समिति शाखा संबंधित लोगों को नोटिस भेजती है. सबसे पहले सेबी अध्यक्ष ने समिति के समक्ष उपस्थित होने से छूट मांगी, जिसे हमने अस्वीकार कर दिया. उसके बाद उन्होंने पुष्टि की कि वह और उनकी टीम इस समिति में उपस्थित रहेंगी.”
वेणुगोपाल ने कहा, “आज सुबह 9:30 बजे उन्होंने मुझे बताया कि वे दिल्ली आने की स्थिति में नहीं हैं. एक महिला के अनुरोध पर विचार करते हुए हमने सोचा कि आज की बैठक को किसी दूसरे दिन के लिए स्थगित करना बेहतर होगा.”
बता दें कि समिति वर्तमान में सेबी के प्रदर्शन की समीक्षा कर रही है, और बुच को अमेरिका स्थित शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग द्वारा लगाए गए हितों के टकराव के आरोपों के बीच पैनल के समक्ष उपस्थित होने के लिए कहा गया था.
पीएसी की बैठक स्थगित होने के बाद भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद ने एकतरफा निर्णय लेने के लिए वेणुगोपाल की आलोचना करते हुए कहा कि भाजपा और उसके सहयोगियों सहित कई समिति सदस्य वेणुगोपाल के आचरण के संबंध में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से संपर्क कर रहे हैं.
हालांकि, नियामक निकायों के प्रदर्शन की समीक्षा करने के पीएसी के फैसले पर किसी भी आपत्ति का सामना नहीं करना पड़ा. हालांकि, बुच को बुलाने के वेणुगोपाल के कदम ने भाजपा सदस्यों के बीच चिंता पैदा कर दी है, क्योंकि वह हिंडनबर्ग के आरोपों से शुरू हुए राजनीतिक विवाद के केंद्र में रही हैं.
बुच के खिलाफ शॉर्ट-सेलर के आरोपों का इस्तेमाल कांग्रेस पार्टी ने उन्हें हटाने की मांग करने और सरकार की आलोचना करने के लिए किया, जिससे पैनल द्वारा उनकी उपस्थिति के अनुरोध में राजनीतिक आयाम जुड़ गए.
पीएसी के सदस्य भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर वेणुगोपाल पर केंद्र सरकार की प्रतिष्ठा को धूमिल करने और देश के वित्तीय ढांचे और अर्थव्यवस्था को “अस्थिर” करने के लिए “अस्तित्वहीन” मुद्दे उठाने का आरोप लगाया.
दुबे ने आरोप लगाया कि वेणुगोपाल की कार्रवाई राजनीति से प्रेरित है, जो लोकसभा चुनावों के बाद विपक्ष में कांग्रेस पार्टी की स्थिति से प्रेरित है. उन्होंने दावा किया कि हिंडनबर्ग जैसी विदेशी कंपनी द्वारा बुच के खिलाफ लगाए गए अपुष्ट आरोप एक बड़े अभियान का हिस्सा थे, और इस टूलकिट का ‘भारत अध्याय’ सक्रिय हो गया है.