Shivpal Yadav Meeting With Azam Khan In Sitapur Jail: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल यादव ने आज (शुक्रवार को) सीतापुर जेल में बंद सपा नेता आजम खान से मुलाकात की. दोनों नेता अखिलेश यादव से नाराज चल रहे हैं.
इससे पहले सपा नेता शिवपाल यादव ने गुरुवार को समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव की उस टिप्पणी पर आपत्ति जताई, जिसमें उन्होंने कहा था कि बीजेपी से मिलने वाला सपा में नहीं रहेगा. शिवपाल यादव ने इस टिप्पणी को ‘गैर-जिम्मेदाराना’ करार देते हुए कि अगर अखिलेश यादव ऐसा सोचते हैं तो उन्हें मुझे विधायक दल से जल्द बाहर निकाल देना चाहिए.
बीजेपी में जाने की अटकलों पर शिवपाल यादव ने कहा कि उन्होंने इस संबंध में कोई फैसला नहीं लिया है और जब सही समय आएगा तो वह सभी को इसके बारे में बताएंगे. बता दें कि यूपी विधान सभा चुनाव 2022 में शिवपाल यादव ने सपा के टिकट पर चुनाव लड़ा और विधायक बने.
अखिलेश यादव पर पलटवार करते हुए शिवपाल यादव ने कहा कि यह गैर-जिम्मेदाराना टिप्पणी है. मैंने सपा के चुनाव चिह्न साइकिल पर चुनाव लड़ा था, अगर उन्हें ऐसा लगता है तो वह तुरंत इस पर निर्णय लें और मुझे विधान मंडल दल से बाहर निकाल दें.
गौरतलब है कि शिवपाल और अखिलेश के बीच दरार तब बढ़ गई थी, जब उन्होंने अपने चाचा को 26 मार्च को हुई सपा के नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक में नहीं बुलाया था. शिवपाल ने इस सप्ताह की शुरुआत में विपक्षी गठबंधन की बैठक में हिस्सा नहीं लिया था. शिवपाल ने 31 मार्च को शपथ ली थी और बाद में वह लखनऊ में मुख्यमंत्री आवास पहुंचे थे, जिससे उनके पाला बदलने की अटकलों को हवा मिली थी.
बताया जा रहा है कि आजम खान भी अखिलेश यादव से नाराज चल रहे हैं. आजम खान को जेल में बंद हुए 2 साल से ज्यादा का समय हो चुका है, लेकिन अखिलेश यादव सिर्फ 1 बार उनसे जेल में मिलने गए हैं. आजम खान के मीडिया प्रभारी फसाहत अली खान ने हाल ही में अखिलेश यादव के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. उन्होंने कहा कि आजम खान ने सपा पार्टी को बनाया है. मुलायम सिंह को पहली बार मुख्यमंत्री बनाया था. जब अखिलेश कन्नौज से सांसद बने थे तब आजम ने कहा था कि टीपू को सुल्तान बना दें.
उन्होंने कहा कि एक मुश्त सपा को वोट दिया, लेकिन आज उनके हमारे कपड़ों से बदबू आती है. ढाई साल से आजम जेल में हैं. महज एक बार अखिलेश यादव मिलने गए हैं. दरी अब्दुल बिछाएगा, लाठी अब्दुल खाएगा. जेल भी अब्दुल जाएगा. सारे जुल्म अब्दुल पर होंगे, लेकिन अखिलेश हमारा नाम भी नहीं लेंगे.