बीजापुर। इंद्रावती टाइगर रिजर्व क्षेत्र में शिकार करने वाले शिकारियों को पकड़े जाने के मामले में नया मोड़ आ गया है। पिछले 30 जून को बाघ की खाल की तस्करी करते हुए आरोपीयों को पकड़ा गया था। इस मामले में अभी भी पड़ताल जारी है। लेकिन आज वन विभाग के डीएफओ की प्रेस कान्फ्रेंस में ऐसा राज खोला जो कि सभी को हैरान करने वाला है। बीजापुर में आज इंद्रवती टाइगर फारेस्ट के डी एफ ओ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीआरपीएफ के एक अफसर पर बड़ा आरोप लगा दिया है। डीएफओ ने बताया कि शिकारियों से बाघ की खाल वाले मामले में 13 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिसमे सी आर पी एफ के एक अधिकारी का नाम भी सामने आया है लेकिन वे अभी कब्जे में नहीं आये बहुत जल्दी उन्हें भी गिरफ्तार किया जायेगा। पिछले 30 जून को बाघ की खाल की तस्करी करने वालों को पकड़ा गया था। शिकारियों के पकड़े जाने पर भेद खुला जबकि अफसर अभी फरार हैं।
बता दें कि बस्तर संभाग के जंगल के एक बड़े हिस्से में इंद्रावती टाइगर रिजर्व है, जिसकी बड़ी सीमा महाराष्ट्र से लगती है। शिकारियों को इससे शिकार करने और भागने में आसानी होती है। यही वजह है कि बाघों के शिकार की शिकायतें अक्सर सामने आती हैं और कई बार पकड़े भी जाते हैं। इन वन अपराधियों का काम ही गैरकानूनी तरीके से वन्यजीवों का शिकार करना है, लेकिन, इस बार सीआरपीएफ के एक अफसर का नाम भी इन शिकारियों से सौदा करने वाले के रूप में जुड़ गया है। वह भी सीधे बाघ की खाल का सौदा। गौरतलब है कि बस्तर में माओवादियों से लड़ने औऱ ईलाके में शांति औऱ निर्भीक होकर ग्रामीणों को रहने के लिए सी आर पी एफ के बलों को भी तैनात किया गया है, ताकि बीजापुर जिला नक्सल मुक्त जिला बन सके और नक्सल गतिविधियों पर विराम लगा सकें। अफसरों के पास यहां रणनीति बनाने और एंटी नक्सल गतिविधि कम करने की जिम्मेदारी रहती है, लेकिन एक अफसर ने अपने पद की गरिमा को तार-तार करते हुए अन्य अफसरों पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।