रायपुर। सशस्त्र सेना झण्डा दिवस के अवसर पर राज्यपाल रमेन डेका के मुख्य आतिथ्य में राजभवन के दरबार हॉल में गौरवपूर्ण समारोह आयोजित किया गया। राज्यपाल श्री रमेन डेका ने इस अवसर पर कहा कि सैनिक निस्वार्थ भाव से हमेशा देश की रक्षा के लिए तैयार रहते है और अपना जीवन देश सेवा के लिए लगाते है। समाज के हर वर्ग का कर्तव्य है कि उनके लिए मदद करंे। उन्होंने आम जनता से अपील की कि अधिक से अधिक सहयोग देकर वीर जवानों के प्रति सम्मान व्यक्त करें। राज्यपाल ने सशस्त्र झण्डा दिवस निधि के लिए 2 लाख रूपए की सहयोग राशि राज्य सैनिक कल्याण बोर्ड को प्रदान की।
कार्यक्रम में राज्यपाल ने सभी शहीदों की वीर नारियों एवं माताओं, आश्रितों को सम्मान राशि 7 हजार 100 और शॉल भेंट कर सम्मानित किया। वीरता अलंकरण प्राप्त कर्ताओं और झण्डा दिवस के अवसर पर विशेष योगदान देने वाले दानदाताओं का सम्मान भी किया। राज्यपाल ने आंध्र प्रदेश विश्वविद्यालय द्वारा जारी स्नातक उपाधि 6 भूतपूर्व सैनिकों को प्रदान कर प्रोत्साहित किया। राज्यपाल डेका ने अपने उद्बोधन के दौरान इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि झण्डा दिवस निधि से लगभग 27 महत्वपूर्ण कल्याणकारी योजनाएं क्रियान्वित की जा रही है जिससे हम अपने भूतपूर्व सैनिकों की उचित तरीके से देखभाल करने में सक्षम होंगे। उन्होंने कहा कि नियमित और अनुशासित होना सफल जीवन के लिए आवश्यक है। उन्होंने महिला सशक्तिकरण का उदाहरण देते हुए कार्यक्रम में उपस्थित श्रीमती सुधा सक्सेना की सराहना की जो एक सेवानिवृत्त शासकीय कर्मचारी है और अपने पेंशन की राशि से प्रतिवर्ष झण्डा दिवस निधि में विशेष योगदान देती हैं। हमारे समाज में ऐसे असंख्य अदृश्य हीरो है जो समाज की निस्वार्थ सेवा करते है। उन्होंने कहा कि विकास के मॉडल में आम आदमी की भूमिका बढ़ानी होगी। उन्होंने भूतपूर्व सैनिकों से आग्रह किया कि वे नई टेक्नोलॉजी का उपयोग करें और खुद को लगातार अपग्रेड करते रहें। श्री डेका ने कहा कि सारा राष्ट्र सशस्त्र सेना एवं सैनिकों के परिवार साथ खड़ा है। सेवारत और सेवानिव्त्त सैनिकों एवं उनके आश्रितों के कल्याण हेतु हमेशा प्रयासरत रहेंगे।