‘कुछ ताकतों ने देशों को कर्ज के जाल में धकेला’, PM मोदी के तंज का निशाना कौन?

नई दिल्ली. पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने भारत के G-20 एजेंडे से जुड़े महत्वपूर्ण फाइनेंशियल मुद्दों पर रोशनी डालते हुए कहा कि इसमें बड़े कर्ज संकट से जूझ रहे देशों के लिए कर्ज की शर्तों में सुधार भी शामिल है. भारत की G20 की अध्यक्षता के दौरान इन मुद्दों पर प्रगति और आम सहमति की संभावना के बारे में पूछे जाने पर पीएम मोदी ने वित्तीय अनुशासन के महत्व और देशों को वित्तीय अनुशासनहीनता से खुद को सुरक्षित रखने की जरूरत पर जोर दिया. ‘बिजनेस टुडे’ के साथ एक विशेष इंटरव्यू में पीएम मोदी ने चीन (China) के कमजोर देशों को कर्ज के जाल में फंसाकर शोषण करने की ओर संकेत किया.

पीएम मोदी ने चीन की ओर इशारा करते हुए यह भी कबूल किया कि कुछ ताकतों ने अन्य देशों में कर्ज संकट का फायदा उठाया है, उनकी कमजोरियों का फायदा उठाया है और उन्हें कर्ज के जाल में धकेल दिया है. समझा जाता है कि उनकी टिप्पणी चीन पर थी, जिसने लगभग एक दर्जन देशों को अरबों डॉलर का लोन देकर कर्ज के जाल में धकेल दिया है. इसके कारण वित्तीय संकट का सामना करने वाले देशों में केन्या, जाम्बिया, लाओस, मंगोलिया और यहां तक कि पाकिस्तान भी शामिल हैं.

वित्तीय अनुशासन सभी देशों के लिए बहुत जरूरी
पीएम मोदी ने कहा कि ‘वित्तीय अनुशासन सभी देशों के लिए बहुत जरूरी है. यह हर देश का कर्तव्य है कि वह खुद को वित्तीय अनुशासनहीनता से बचाए, लेकिन साथ ही ऐसी ताकतें भी हैं जो कर्ज संकट को बढ़ावा दे करके अनुचित लाभ उठाने की कोशिश कर रही हैं. इन ताकतों ने दूसरे देशों की मजबूरी का फायदा उठाया और उन्हें कर्ज के जाल में फंसाया.’ पीएम मोदी ने कहा कि G-20 साल 2021 से ही कम और मध्यम आय वाले देशों में कर्ज संकट को सुलझाने के लिए प्रतिबद्ध है. G-20 यह मानता है कि 2030 सतत विकास लक्ष्यों (SDG) को हासिल करने के लिए उनकी प्रगति जरूरी है.

भारत की G-20 अध्यक्षता में कर्ज मामले में बड़ी प्रगति
हालांकि पीएम मोदी ने कहा कि कर्ज भुगतान ने इन देशों की कोशिशों में बाधा पैदा की है, जिससे एसडीजी निवेश के लिए उनकी वित्तीय गुंजाइश सीमित हो गई है. भारत की G-20 अध्यक्षता के तहत उपलब्धियों पर पीएम मोदी ने कहा कि 2023 में भारत की अध्यक्षता में G-20 कॉमन फ्रेमवर्क के जरिये कर्ज पुनर्गठन में बड़ी प्रगति हुई है. भारत की अगुवाई से पहले केवल चाड ने इस ढांचे के तहत कर्ज पुनर्गठन किया था. भारत के फोकस करने के साथ जाम्बिया, इथियोपिया और घाना ने उल्लेखनीय प्रगति की है. पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने एक प्रमुख कर्जदाता होने के नाते एक बड़ी भूमिका निभाई.

G-20 ने श्रीलंका को कर्ज भुगतान की सुविधा दी
पीएम मोदी ने कहा कि सामान्य ढांचे से परे G-20 ने श्रीलंका में कर्ज पुनर्गठन के लिए समन्वय की सुविधा प्रदान की. पीएम मोदी ने कहा कि भारत, जापान और फ्रांस की सह-अध्यक्षता वाली एक समिति ने इस प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. इसके अलावा उन्होंने भारत की अध्यक्षता के दौरान ग्लोबल सॉवरेन डेट गोलमेज सम्मेलन की शुरुआत को रेखांकित किया. इसका उद्देश्य प्रभावी कर्ज सुधार की सुविधा के लिए बातचीत को मजबूत करना और कॉमन फ्रेमवर्क के भीतर और बाहर दोनों प्रमुख हितधारकों के बीच एक आम सहमति को बढ़ावा देना है.

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