Sonam Raghuwanshi: एक कहावत है- इश्क और जंग में सब जायज है। इन दो जगहों पर नीति, नियम, समाज या आदर्श कुछ भी नहीं मायने नहीं रखता। इन दो जगहों पर सिर्फ और सिर्फ साजिश, छल, कपट और प्रपंच अहमियत रखता है। राजा रघुवंशी मर्डर केस (Raja Raghuwanshi Murder Case) में भी साजिश, छल, कपट और प्रपंच का ही बोलबाला है। साथ ही यहां पत्नी का गैर मर्द के साथ डेंजरस इश्क का तड़ता है, जिसे वो हर हाल में प्रेमी को पाना चाहती है और किसी भी हद तक जाने को तैयार हो गई।
सोनम और राजा की शादी को सिर्फ 10 दिन हुए थे। रिश्ते में नयापन था, भरोसा था, और था ऐसा प्यार जिसमें ना शब्द की कोई जगह नहीं थी। इसी का नतीजा है कि कपटी पत्नी सोनम रघुवंशी जो-जो और जैसे-जैसे कहती गई, वही राजा की दुनिया बनता गया। राजा रघुवंशी अपनी पत्नी सोनम की हर बात बिना किसी सवाल के मानता गया। यही उसकी जिंदगी का सबसे बड़ा या कहें अंतिम फैसला साबित हुआ। वह पत्नी की साजिश, छल, कपट को नहीं समझ या जान सका। इसी का नतीजा है कि राजा का हर फैसला सोनम लेती रही और राजा सिर झुकाकर मंजूरी देता रहा।

कहानी की शुरुआत
पूरे देश को चौंका कर रख देने वाले इस ‘क्राइम थ्रिलर’ कहानी की शुरुआत मध्य प्रदेश की आईटी सिटी या कहें मिनी मुंबई से होती है। इंदौर में राजा रघुवंशी नाम का युवक रहता है। वह इंदौरा का नामी ट्रांसपोर्ट कारोबारी है। उसके परिवार में माता-पिता और दो भाई और भाभी हैं। वहीं सोनम रघुवंशी का परिवार इंदौर के ही कुशवाह नगर में रहता है, जहां पिता का प्लायवुड का कारोबार है। राजा और सोनम का रिश्ता रघुवंशी समाज की परिचय पुस्तिका में दर्ज विवरणों से जुड़ा था। फिर दोनों परिवारों में संपर्क हुआ और रिश्ता तय हुआ। राजा के घर वाले बकायदा सोनम के घर जाकर उसे पसंद कर आए थे। इसके बाद शादी तय हुई।

शादी, और 4 दिन बाद विदाई
जैसा कि भारतीय समाज में सदियों से चलता आ रहा है कि दोनों परिवारों की रजामांदी के बाद रिश्ता तय हुआ। 11 मई 2025 को राजा और सोनम की शादी पूरे समाज की उपस्थिति में धूमधाम से हुई। उसी रात सोनम पहली बार अपने ससुराल पहुंची। हालांकि मात्र चार दिन बाद वह अपने मायके लौट गई। उस वक्त जेठ का महीना चल रहा था, इसलिए पगफेरे की रस्म भी नहीं हुई थी।
सोनम की कौन कौन सी बात मानता गया राजा
इसके बाद सोनम रघुवंशी ने प्रेमी राज कुशवाहा के साथ मिलकर राजा के मर्डर का प्लान तैयार करना शुरू कर दिया। राजा का मन हनीमून पर जाने का नहीं था। परिवार ने बताया कि पगफेरे के बाद जून में जाने की योजना थी. लेकिन सोनम ने फोन पर जिद की शिलांग चलते हैं। राजा मान गया। उसने किसी से कुछ नहीं कहा। यह पहला संकेत था कि सोनम की बात राजा टाल नहीं पाता था। परिवार वालों के मुताबिक, राजा को पहाड़ पसंद नहीं थे, लेकिन सोनम ने उसे शिलांग की हरियाली और वादियों का सपना दिखाया। वह तैयार हो गया। इसके बाद हनीमून ट्रिप का प्लान बना, और 20 मई को दोनों मेघालय के लिए रवाना हो गए।
पहनावे से लेकर पैसे तक जो सोनम कहे, वही हुआ
राजा की मां उमा रघुवंशी के मुताबिक राजा आमतौर पर जेवरात पहनकर बाहर नहीं जाता था। हालांकि सोनम ने कहा कि सोने की चेन और अंगूठी पहनकर चलो। राजा ने उसकी बात मानी और पहनकर गया। राजा की मां तो एयरपोर्ट की एक फोटो देखकर मालूम चला कि राजा सोने की चेन और अंगूठी पहनकर गया है। इतना ही नहीं, सोनम के कहने पर राजा घर से पैसे भी लेकर गया। परिवार का कहना है कि राजा ऐसी तैयारी आमतौर पर नहीं करता था, लेकिन उसने हर बात सोनम के कहे अनुसार की।
शॉर्टकट मौत की ओर
23 मई 2025 को सोनम अपने साथ राजा को लेकर नोंगरीहाट गांव पहुंचीं। सोनम ने राजा से कहा, यह रास्ता शॉर्टकट है, जल्दी पहुंचेंगे। राजा ने मां से फोन पर बात करते हुए बताया भी था कि सोनम उसे किसी सुनसान रास्ते पर ले जा रही है। राजा को इस तरह के रास्ते पसंद नहीं थे, लेकिन उसने पत्नी की बात मानी। अब जब पूरा हत्याकांड सामने आया है, परिवार को लग रहा है – वो शॉर्टकट असल में मौत की प्लानिंग थी. सुनसान रास्ता इसलिए चुना गया ताकि वहां हत्या को अंजाम दिया जा सके। आखिर में हुआ भी यही, सोनम ने सात जन्म के वादे को 13 दिन बाद ही तोड़ते हुए पति राजा को दर्दनाक मौत दी। सोनम रघुवंशी ने अपने सामने ही राजा की हत्या करवाई। इसके बाद लाश को पहाड़ से सैकड़ों फीट नीचे फेंकवा दिया।
कबूला जुर्म, खुली साजिश
मामले का खुलासा होने के बाद इंदौर क्राइम ब्रांच की पूछताछ में चारों आरोपियों ने अपना जुर्म कुबूल कर लिया है। बताया गया कि सोनम ने अपने प्रेमी और उसके साथियों के साथ मिलकर राजा की हत्या की योजना बनाई थी। राजा को पहाड़ों में घुमाने और सुनसान जगह ले जाने का हर कदम प्लानिंग का हिस्सा थ। हत्या के बाद शव को पुल के नीचे फेंक दिया गया, जहां 27 मई को पुलिस को लावारिस हालत में एक शव मिला।