पेरिस: राष्ट्रपति के चुनाव प्रचार में सरकारी लिमिट से ज्यादा पैसे खर्च करना फ्रांस (France) के पूर्व प्रेजिडेंट Nicolas Sarkozy को भारी पड़ गया है. पेरिस की एक कोर्ट इस मामले में 66 वर्षीय Sarkozy को एक साल की सजा सुनवाई है.
जज ने हालांकि Nicolas Sarkozy को यह छूट दे दी है कि वे इस सजा को अपने घर में रहकर पूरा कर सकते हैं. हालांकि इस दौरान उन्हें अपने पैरों में कैदियों की तरह एंकल ब्रेसलेट (बेड़ी) पहनना होगा. इस मामले में सरकारी वकीलों ने उन्हें कम से कम 6 महीने की जेल और 6 महीने की निलंबित सजा की मांग की थी. जिसे कोर्ट ने नहीं माना.
बताते चलें कि Nicolas Sarkozy वर्ष 2007 से लेकर 2012 तक फ्रांस के राष्ट्रपति थे. वे वर्ष 2012 में फिर से राष्ट्रपति पद के चुनाव में Francois Hollande के सामने खड़े हुए लेकिन हार गए. इन इलेक्शन में चुनाव प्रचार के लिए अधिकतम 19.5 मिलियन यूरो की सीमा तय थी लेकिन Sarkozy ने 37 मिलियन यूरो खर्च कर दिया.
सरकारी वकीलों ने कहा कि Nicolas Sarkozy ने चुनाव प्रचार के लिए एक पीआर फर्म हायर की थी. जिसने उनका सारा इलेक्शन मैनेजमेंट संभाला. चुनाव नजदीक आने से पहले उन्हें चेताया गया कि उनके प्रचार का खर्च अधिकतम सीमा के पास पहुंच गया है. इसके बावजूद उन्होंने चुनावी रैलियां जारी रखी. जिससे उनका चुनावी खर्चा सरकारी लिमिट को पार कर गया. गुरुवार को कोर्ट की ओर से सजा पर अंतिम फैसला सुनाते समय सरकोजी कोर्ट में पेश नहीं हुए. निकोलस सरकोजी को इससे पहले भी सजा हो चुकी है. करीब छह महीने पहले उन्हें एक न्यायाधीश को रिश्वत देने की कोशिश के आरोप में दोषी पाया गया था. इस मामले में उन्हें एक साल की जेल की सजा सुनाई गई थी, जिसे बाद में अपीलीय कोर्ट ने जमानत देते हुए 2 साल के लिए सस्पेंड कर दिया था.
Nicolas Sarkozy पर भ्रष्टाचार के और भी मुकदमे चल रहे हैं. ऐसे ही एक मुकदमे में दावा किया गया है कि उन्हें लीबिया के पूर्व तानाशाह मुअम्मर गद्दाफी से लाखों यूरो मिले थे. माना जा रहा है कि पहले की तरह वे गुरुवार को सुनाई गई सजा के खिलाफ अपील करेंगे.