बिहार विधानसभा चुनाव से पहले नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने BJP को बड़ा झटका दिया है. नीतीश कुमार की पार्टी JDU ने मणिपुर NDA सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है. मणिपुर में जेडीयू (जनता दल यूनाइटेड)की प्रादेशिक इकाई ने सरकार एनडीए से अलग होने का ऐलान कर दिया है. मणिपुर (Manipur) में CM एन बीरेन सिंह (N. Biren Singh)के नेतृत्व में बीजेपी की सरकार है.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली जनता दल (यूनाइटेड) ने बुधवार को मणिपुर सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया. मणिपुर में बीजेपी का जेडीयू के साथ 2022 से गठबंधन था, हालांकि साल 2022 में ही जेडीयू के 6 में से 5 विधायकों ने बीजेपी में विलय होने का ऐलान कर दिया था, जिसके बाद से राज्य में दोनों पार्टियों के बीच गतिरोध पैदा हो गया था. अब जेडीयू ने मणिपुर में भाजपा से दूरी बना ली है. जेडीयू ने भाजपा सरकार से अपना समर्थन वापस लेते हुए राज्यपाल को औपचारिक पत्र सौंपा है.
बीरेन सिंह सरकार को नहीं होगा कोई नुकसान
मणिपुर में जेडीयू के अलग होने से सीएम बीरेन सिंह वाली एनडीए सरकार की कोई नुकसान नहीं होगा. सरकार की स्थिरता पर कोई असर नहीं होगा. राज्य में भाजपा की बहुमत से ज्यादा सीटें है ऐसे में बिना किसी भी हस्तक्षेप के सत्ता में बनी रहेगी. जेडीयू का समर्थन वापसी मणिपुर की राजनीति में बदलाव का संकेत है. हालांकि, भाजपा सरकार के कार्यों और निर्णयों पर इसका प्रभाव फिलहाल दिखाई नहीं देगा.
बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव से पहले एक बार फिर नीतीश कुमार के पाले बदलने की कयास लगाए जा रहे है. बिहार में नए-नए सियासी समीकरणों पर चर्चा तेज है. ऐसे में मणिपुर में जेडीयू के अलग होने से नीतीश कुमार की एनडीए में बने रहने और अलग होने की कयासों पर फिर बिहार की राजनीति गर्मा सकती है.
2013 में एनडीए से अलग हुआ जेडीयू
साल 2013 में पहली बार नीतीश कुमार ने एनडीए से अलग हो गए है. 2014 लोकसभा चुनाव के लिए नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री उम्मीदवार बनने के बाद जदयू ने बीजेपी से नाता तोड़ दिया. उन्होंने इसके पीछे की वजह सांप्रदायिकता के खिलाफ लड़ाई को बताया था. एनडीए से अलग होकर नीतीश कुमार ने बिहार में नए सियासी समीकरण तैयार किया और राजद कांग्रेस के साथ मिलकर महागठबंधन बनाया था. हालांकि 2017 में फिर से नीतीश कुमार ने पलटी मारते हुए आरजेडी और कांग्रेस का साथ छोड़कर भाजपा के साथ मिल गए और सरकार बना ली बीजेपी ने नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाया था. इस घटना को बिहार की राजनीति का अब तक सबसे बड़ा सियासी घटनाक्रम माना जाता है.
2022 में गठबंधन का फिर से अंत
हालांकि, अगस्त 2022 में जदयू ने एक बार फिर भाजपा से गठबंधन तोड़ दिया. नीतीश कुमार ने इसे भाजपा की “साजिश और दबाव की राजनीति” बताया. इसके बाद जदयू ने आरजेडी, कांग्रेस और अन्य दलों के साथ मिलकर महागठबंधन सरकार बनाई. बिहार की राजनीति में भाजपा और जदयू का गठबंधन कई बार बना और टूटा. हालांकि अभी बिहार में भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) और जदयू (जनता दल यूनाइटेड) का गठबंधन वाली सरकार चल रही है.