ऑनलाइन गेमिंग और सट्टेबाजी पर कानून बना सकते हैं राज्य, केंद्र सरकार ने सदन में दिया बयान….

नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ समेत देश के 60 ठिकानों पर महादेव सट्टा एप मामले में सीबीआई के छापेमारी के बीच लोकसभा से बड़ी खबर आई है, जहां केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने डीएमके के दयानिधि मारन के साथ ऑनलाइन गेमिंग साइटों पर प्रतिबंध लगाने के मुद्दे पर तीखी बहस के दौरान कहा कि सट्टेबाजी और जुआ राज्य के विषय हैं.

प्रश्नकाल के दौरान पूरक प्रश्न पूछते हुए डीएमके सांसद दयानिधि मारन ने पूछा कि क्या केंद्र सरकार ऑनलाइन गेमिंग के खिलाफ कदम उठाने की अपनी “नैतिक जिम्मेदारी” से “पीछे हट रही है” – उन्होंने कहा कि तमिलनाडु सरकार ने इस पर प्रतिबंध लगा दिया है. मारन ने पूछा कि केंद्रीय आईटी मंत्रालय “सभी ऑनलाइन साइटों” पर प्रतिबंध लगाने में कितना समय लेगा.

आईटी मंत्री वैष्णव ने पलटवार करते हुए कहा कि मारन को केंद्र सरकार के नैतिक अधिकार पर सवाल उठाने का कोई अधिकार नहीं है, उन्होंने कहा कि देश संविधान में परिभाषित संघीय ढांचे के अनुसार काम करता है. उन्होंने कहा कि संविधान राज्यों को राज्य के विषयों से संबंधित सूची II के अनुसार इस विषय पर कानून बनाने का नैतिक और कानूनी अधिकार देता है.

मंत्री ने कहा, “कृपया संघीय ढांचे का अध्ययन करें…सदस्य से अनुरोध है कि वे देश के संघीय ढांचे का सम्मान करें और संविधान को बचाएं.”

एक अन्य पूरक प्रश्न का उत्तर देते हुए वैष्णव ने कहा कि केंद्र सरकार ने कई कदम उठाए हैं, लेकिन सट्टेबाजी और जुए पर कानून राज्य के विषय हैं. उन्होंने सदन को यह भी बताया कि शिकायतों के आधार पर 1,410 ऐसी गेमिंग साइटों पर पहले ही प्रतिबंध लगाया जा चुका है. मंत्री ने यह भी कहा कि भारतीय न्याय संहिता की धारा 112 का उपयोग करके कार्रवाई की जा सकती है.

 

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