अमेरिका में मंदी की आहट से सहमा शेयर बाजार, 2 दिनों में 1900 अंक से अधिक टूटा सेंसेक्स

 

नई दिल्ली. नवरात्रि और इस सप्ताह के पहले दिन शेयर बाजार ने अपना 4 दिनों से चला आ रहा नेगेटिव ट्रेंड जारी रखा. पिछले शुक्रवार की क्लोजिंग के आधार पर आज सोमवार को भी सेंसेक्स ने 1 हजार अंक से ज्यादा की गिरावट दिखाई. हालांकि दोपहर बाद कुछ सुधार हुआ और सेंसेक्स 950 अंकों से अधिक की गिरावट के साथ बंद हुआ.

BSE सेंसेक्स 953.70 अंक यानी 1.64 फीसदी गिरकर 57145.22 पर बंद हुआ. 311 अंकों अथवा 1.79 प्रतिशत की गिरावट के साथ निफ्टी50 17016.30 पर बंद हुआ है. निफ्टी बैंक सोमवार को 930 अंक (2.35 फीसदी) गिरकर 38616.30 पर बंद हुआ. पिछले कुछ दिनों की गिरावट का असर ये हुआ है कि डर का मीटर इंडिया विक्स (India VIX) लगभग 7 फीसदी बढ़ चुका है.

अलग-अलग इंडेक्सों की बात करें तो सबसे ज्यादा पिटाई मेटल सेक्टर की हुई है. BSE मेटर 4.50 फीसदी गिरा है. निफ्टी ऑटो, पीएसयू बैंक्स, स्माल कैप और एनर्जी के इंडेक्स 3 फीसदी से अधिक गिरे हैं. आज निफ्टी आईटी का सेक्टर ग्रीन कलर में बंद हुआ है. आईटी सेक्टर के हरे रहने का एक कारण रुपये में आई गिरावट भी है. रुपये के कमजोर और डॉलर के मजबूत होने का सीधा असर आईटी कंपनियों की कमाई पर पड़ता है, क्योंकि विदेशों से उठाए गए काम के लिए वे डॉलर में पैसा प्राप्त करती हैं.

कौन-से फैक्टर है इस गिरावट की वजह
पिछले 2 सेशन में सेंसेक्स लगभग 1800 अंक गिर चुका है. इन्हीं दो दिनों में निफ्टी 50 भी 550 अंक से अधिक गिरा है. इन गिरावट के पीछे कुछ अहम फैक्टर हैं. सबसे बड़ा कारण है अमेरिकी फेडरल रिजर्व की कमेंट्री. फेड ने ब्याज दरों में 0.75 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ-साथ यह भी कहा कि वे यह सिलसिला तब तक जारी रखेंगे, जब तक कि महंगाई पर पूरी तरह नियंत्रण नहीं पा लिया जाता. यदि इसी तरह ब्याज दरें बढ़ती रहीं तो अमेरिका में मंदी की आशंका प्रबल होती जाएगी.

इसके अलावा, भारत में भी एक्सपर्ट मान रहे हैं कि RBI इस बार 0.50 फीसदी की वृद्धि कर सकता है. तीसरा कारण डॉलर का मजबूत होना और भारतीय करेंसी का कमजोर होना है. इसके अलावा नेचुरल गैस की कीमतों में भी वैश्विक स्तर पर वृद्धि हो रही है, जो आने वाले दिनों में दुनियाभर के बाजारों के लिए अच्छा संकेत नहीं है.

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