इस ट्रेन की रैक में भी चेन्नई से बिलासपुर आते समय कहीं पर पथराव किया गया है लेकिन इसकी भनक ट्रेन में सफर कर रहे लोगों को पता ही नहीं चला। चेन्नई से जब यह ट्रेन बिलासपुर के चली तब इसमें एक लोको पायलट, एक सहायक लोको पायलट, ट्रेन मैनेजर के साथ-साथ रेल कोच फैक्ट्री चेन्नई के इंजीनियर्स व टेक्नीशियनों की 14 सदस्यीय टीम थी। ये सभी लोग इंजन के बाद दो कोच में मौजूद थे। शेष कोच बंद थे। बिलासपुर आते समय हुए पथराव से जिस कोच में के शीेशे टूटे हैं वह 11वें व 12वें नंबर का कोच है। इसके बारे में किसी को कुछ पता ही नहीं चल पाया।