छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव भले ही 2023 में है, लेकिन अभी से राज्य में चुनावी सरगर्मियां तेज हो चली है। एक तरफ जहां विपक्ष में बैठी भाजपा ने अपने सांसदों और विधायकों को अपने क्षेत्र के कमजोर बूथों को मजबूत करने की जिम्मेदारी सौंप दी है। वहीं, दूसरी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी मैदान संभाल लिया है। 2 मई से बघेल राज्य की सभी 90 विधानसभा सीटों का मैराथन दौरा करेंगे। इस दौरान वे सरकारी योजनाओं की स्थिति देखेंगे और स्थानीय स्तर पर सरकार के कामकाजों का फीडबैक भी आम लोगों से लेंगे। साथ ही वे कांग्रेस संगठन की स्थिति की भी नब्ज टटोलेंगे। इधर, मोदी सरकार के 9 केंद्रीय मंत्री अप्रैल में छत्तीसगढ़ का दौरा करते हुए नजर आएंगे। वे आकांक्षी जिलों में मोदी सरकार की योजनाओं की समीक्षा के साथ भाजपा कार्यकर्ताओं को रिचार्ज करेंगे।
दो माह तक चलेगा सीएम कार्यक्रम
सीएम भूपेश बघेल प्रदेश के सभी 90 विधानसभा क्षेत्रों में पहुंचकर योजनाओं की जमीनी हकीकत के साथ आम जनता से रूबरू होंगे। सीएम का यह कार्यक्रम दो मई से शुरू होगा जो अगले दो माह तक चलेगा। सीएम ने पहले ही बता दिया है कि वे सभी विधानसभा क्षेत्रों में जाकर कामकाज की समीक्षा करेंगे। बघेल के इस दौरे से स्थानीय कार्यकर्ता रीचार्ज होंगे और स्थानीय नेताओं की सक्रियता की जानकारी भी उन्हें मिलेगी। इस कार्यक्रम की खास बात यह है कि कार्यक्रम कौन से जिले में कब होगा इसकी जानकारी स्थानीय प्रशासन को भी नहीं होगी।
दौरे से महज एक दिन पहले सीएम के कार्यक्रम की जानकारी स्थानीय अफसरों के साथ साझा की जाएगी, ताकि योजनाओं के क्रियान्वयन की जमीनी सच्चाई पता चल सके। इस कार्यक्रम में फील्ड में योजनाओं के क्रियान्वयन में खामियों पर भी सीएम की खास नजर रहेगी। कामकाज में लापरवाही बरतने की स्थिति में जवाबदेह अफसरों पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी। कमजोर परफॉर्मेंस वाले क्षेत्रों में संबंधित अफसरों को जवाब भी देना पड़ेगा। सीएम बघेल इस दौरे के दौरान गांवों, तहसील कार्यालयों, पुलिस थानों, जनपद कार्यालयों, स्कूलों, आंगनबाड़ियों, स्वास्थ्य केंद्रों के कामकाज और सड़क, पानी, बिजली जैसी मूलभूत सुविधाओं की उपलब्धता की समीक्षा करेंगे।
बघेल के सामने केंद्रीय मंत्रियों ने संभाला मोर्चा
राज्य में बघेल सरकार की बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए भाजपा ने भी मैदान संभाल लिया हैं। इसी सिलसिले में अप्रैल से केंद्रीय मंत्रियों का छत्तीसगढ़ का दौरा होगा। 9 केंद्रीय मंत्री प्रदेश के 10 जिलों में केंद्र सरकार की योजनाओं की समीक्षा करेंगे। इस दौरान केंद्रीय मंत्री स्थानीय भाजपा नेता और कार्यकर्ताओं के साथ संवाद भी करेंगे। सभी केंद्रीय मंत्री 30 अप्रैल तक छत्तीसगढ़ के सभी आकांक्षी जिलों का दौरा पूरा कर लेंगे। राजनीतिक जानकार इसे भाजपा की मिशन-2023 की चुनावी तैयारी के रूप में देख रहे हैं।केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी प्रदेश के महासमुंद जिले का दौरा कर चुके है। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया 18 अप्रैल को राजनांदगांव जिले की समीक्षा करेंगे। केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल बस्तर और नित्यानंद राय बीजापुर जाएंगे। केंद्रीय राज्यमंत्री देव सिंह चौहान दंतेवाड़ा, भानुप्रताप सिंह कांकेर और अश्विनी चौबे कोरबा, केंद्रीय मंत्री महेंद्र नाथ पांडेय नारायणपुर और केंद्रीय राज्यमंत्री रेणुका सिंह सुकमा का दौरा कर मोदी सरकार की योजनाओं की समीक्षा करेंगे। सभी केंद्रीय मंत्रियों को देश के 125 आकांक्षी जिलों में भेजा गया है, जिसमें छत्तीसगढ़ के यह 10 जिले भी शामिल हैं।
केंद्रीय मंत्रियों के दौरे पर सीएम बघेल का कहना है कि केंद्र सरकार के मंत्री छत्तीसगढ़ का दौरा कर रहे हैं, यह अच्छी बात है। राज्य सरकार के कामकाज को भी देखें। गौरतलब है कि सीएम भूपेश ने एक दिन पहले पीएम को चिट्ठी लेकर आकांक्षी जिलों के मानिटरिंग इंडिकेटर में कुछ विषयों को जोड़ने का आग्रह भी किया था।
2023 में होना है छत्तीसगढ़ में चुनाव
सामाजिक न्याय पखवाड़े के तहत केंद्रीय मंत्रियों के छत्तीसगढ़ दौरे को लेकर राजनीति भी गरमाने लगी है। दरअसल, छत्तीसगढ़ में साल 2023 में विधानसभा का चुनाव होना है। भाजपा डेढ़ साल पहले ही चुनावी तैयारियों में जुट जाती है। 5 राज्यों में हुए चुनाव में भाजपा को 4 राज्यों में ऐतिहासिक जीत मिली है। लिहाजा केंद्रीय मंत्रियों के दौरे को चुनावी रणनीति के रूप में भी देखा जा रहा है। केंद्रीय मंत्रियों को स्पष्ट निर्देश है कि जिलों के दौरे के समय पार्टी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं से भी मुलाकात करेंगे और संवाद कर फीडबैक लेंगे। वहीं, 2018 के चुनाव में रिकॉर्ड जीत दर्ज करने वाले कांग्रेस भी मिशन-2023 की तैयारियों में अभी से जुटी हुई नजर आ रही है।