रायपुर। राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन आज राजभवन में श्री रावतपुरा सरकार विश्वविद्यालय रायपुर के दूसरे दीक्षांत समारोह में अध्यक्ष के रूप में वर्चुअल तरीके से शामिल हुए। उन्होंने डिग्री प्राप्त कर रहे विद्यार्थियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि राष्ट्रहित को सर्वोपरि मानते हुए कार्य करें, एवं समाज और राष्ट्र की निरंतर सेवा करें। उन्होंने विद्यार्थियों से वंचित वर्गो की सहायता करने और संविधान की भावना के अनुरूप उन्हें अधिकार दिलाने के लिए प्रयत्न करने की अपील की।
दीक्षांत समारोह में विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्री रविशंकर, नीति आयोग के सदस्य डॉ.वी.के.सारस्वत, छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग के अध्यक्ष प्रो.उमेश कुमार मिश्रा, रविशंकर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सच्चिदानंद शुक्ला उपस्थित थे। दीक्षांत समारोह में तीन प्रख्यात व्यक्तियों डॉ.वी.के.सारस्वत, श्री जे.एस राजपूत और श्री आशुतोष राणा को मानद उपाधि, 31 विद्यार्थियों को डॉक्टरेट की उपाधि, 36 को स्वर्ण पदक और 2664 विद्यार्थियों को स्नातक एवं स्नातकोत्तर की उपाधि प्रदान की गई।
राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि स्नातकों के रूप में, अब आप अभूतपूर्व परिवर्तन और चुनौतियों के समय, दुनिया में कदम रख रहे हैं। दुनिया तेजी से विकसित हो रही है, आर्टिफिशियल इंटैलीजंेस, डेटा-माइनिंग और रोबोटिक्स में नई प्रौद्योगिकी हमारे जीवन और समाज को नया आकार दे रही है। यह अपार अवसरों का समय है, लेकिन गहन जिम्मेदारियों का भी।
हरिचंदन ने कहा कि विद्यार्थी हमेशा नए विचारों को आत्मसात् करने के लिए तैयार रहें। दुनिया उन लोगों को पुरस्कृत करती है जो अपने आराम क्षेत्र से बाहर निकलने और जोखिम लेने को तैयार हैं। नवाचार और रचनात्मकता को अपनाएं। शिक्षा एक विशेषाधिकार है, और इसके साथ हमारे समुदायों और समग्र विश्व की बेहतरी में योगदान देने की जिम्मेदारी भी आती है। महात्मा गांधी जी ने कहा था, आप खुद वह बदलाव बनें जो आप दुनिया में देखना चाहते हैं। जैसे-जैसे आप आगे बढ़ें, परिवर्तन लाने वाले, नेता और नवप्रवर्तक बनें जिनकी हमारे समाज को आवश्यकता है। समारोह में कुलपति ने स्वागत भाषण दिया। समारोह में राज्यपाल हरिचंदन को शाल और स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर राज्यपाल के सचिव अमृत खलखो, विश्वविद्यालय के शासी निकाय एवं प्रबंधन मंडल के सदस्य, विश्वविद्यालय के प्रतिनिधि राजेश तिवारी, अभिभावक और विद्यार्थी मौजूद थे।