पुलिस अधीक्षक वायपी सिंह मिले नक्सली कमांडर लोकेश के परिवारजनों से…

राजनांदगांव। जिला मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी में माओवादी गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए जिला पुलिस लगातार प्रयास कर रही है। इसी तारतम्य में पुलिस अधीक्षक वायपी सिंह (आईपीएस) ने नक्सली कमांडर लोकेश सलामे के परिवारजनों से मुलाकात किए। परिवारजनों से आग्रह किया कि लोकेश सलामे हिंसा का रास्ता छोड़कर आत्मसमर्पण कर शांतिपूर्वक जीवन-यापन और राज्य शासन के पुनर्वास नीति का लाभ उठाने के लिए जिला पुलिस के समक्ष आत्मसर्पण कर दे और आसपास के ग्रामीणों से भी अपील की गई कि कोई भी नक्सली कभी भी नजदीकी पुलिस स्टेशन आकर आत्मसमर्पित कर सकता है और पुनर्वास के सुविधाओं का लाभ ले सकता है।

पूर्व में ऑपरेशन प्रयास से प्रभावित होकर तीन नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण
विगत दो माह के अवधि में माड़ क्षेत्र के प्रेस टीम कमांडर पवन तुलावी एवं उसकी पत्नी ने ऑपरेशन प्रयास के तहत पुलिस अधीक्षक के समक्ष आत्मसमर्पण किया है। जिला पुलिस के द्वारा पवन तुलावी के परिवारजनों से संपर्क स्थापित कर आत्मसमर्पण के लिए प्रोत्साहित किया गया, जिसका परिणाम है कि पवन ने माड़ से मोहला आकर आत्मसमर्पण किया। पवन तुलावी थाना मदनवाड़ा के दौरदे गांव का निवासी है और वर्ष 2014 से नक्सली संगठन में सक्रिय रहा है। माह अप्रैल 2025 में जिला मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी के थाना मदनवाडा ग्राम मुंजाल के निवासी नक्सली कमांडर रूपेश मंडावी ने आत्मसमर्पण किया है। रूपेश मंडावी नक्सली कमांडर लोकेश सलामे के साथ काम कर रहा था। जिला पुलिस के द्वारा ऑपरेशन प्रयास के तहत लगातार रूपेश के परिवारजनों से संपर्क स्थापित करके शासन के समक्ष आत्मसमर्पण करने के लिए प्रोत्साहित किया। आज रूपेश मंडावी हथियार छोड़कर आत्मसम्मान की जिंदगी जी रहा है।

ऑपरेशन प्रयास से विकास की ओर

जिला पुलिस के द्वारा लगातार नक्सल गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए पुलिस सुविधा केंद्र के रूप में केंद्रीय बलों के बेस कैंप को घने व सुदूर जंगलों में तैनात किया जा है। पुलिस कैंपों के माध्यम से आसपास के आम ग्रामीणों के स्वास्थ्य सुविधा एवं अन्य शासकीय योजनाओं का प्रचार प्रसार कर लाभान्वित कराया जा था है। आवश्यकता अनुरूप गांवों में मेडिकल कैंप व दैनिक उपयोग के सामान का वितरण किया जा था है। कृषि उपकरण, वाटर फिल्टर, सायकल, रेडियो आदि जैसे उपकरण ग्रामीणों को वितरित किया गया है।
ग्राम आमाकोड़ों और पीतेमेटा के घने जंगलों में पिछले वर्ष कैंप स्थापित किया गया, जिसके माध्यम से ग्राम पीतेमेटा को सीसीरोड के माध्यम से मुख्य मार्ग में जोड़ा जाना हैं। इसी प्रकार बुकमरका जैसे सुदूरवर्ती ग्राम को कैंप संबलपुर के माध्यम से ब्लैक टॉप रोड से जोड़ा गया है। महाराष्ट्र सीमा में स्थापित नवागांव कैंप के माध्यम से कुछ ही दिनों में घोड़ाझरी गांव को भी ब्लैक टॉप रोड से कनेक्ट किया जाएगा। कैंप नवागांव, आमाकोड़ों, संबलपुर के आसपास में मोबाइल टावर की उपलब्धता भी सुनिश्चित की गई है। कैंप के माध्यम से 5ळ टावरों की स्थापना की गई है।

ऑपरेशन प्रयास का प्रहार नक्सली सहयोगियों पर

जिले में नक्सल उन्मूलन का कार्य में नक्सल सहयोगियों के खात्मा से संभव है। नक्सल सहयोगी वे है, जो माओवादियों के लिए राशन, पानी व दैनिक जरूरत की सामाग्री उपलब्ध कराते है। विगत एक वर्ष में 15 से ज्यादा नक्सली सहयोगियों के ऊपर यूएपीए के विभिन्न धाराओं में कार्यवाही की गई। जिसके कारण नक्सली किसी जंगलों कैंप लगाने, मीटिंग लेने, आम ग्रामीणों से लेवही वसूलने में असमर्थ हुए है।
इस प्रकार जिला पुलिस ऑपरेशन प्रयास के माध्यम से नक्सलियों के सभी आधार अंगों पर चोट पहुंचाकर नक्सल गतिविधि पर पूर्ण अंकुश लगाने के लिए प्रतिबद्ध होकर कार्य कर रही है। नक्सली सहयोगी पर कार्यवाही, आत्मसमर्पण हेतु परिवारजनों के माध्यम से प्रयास एवं नक्सल प्रभावित ग्रामों के विकास आदि पर जोर देकर ऑपरेशन प्रयास को सफल बनाने का प्रयास जारी है।

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