पटाखों पर ‘सुप्रीम’ बैन, जानिए किस राज्य में मनाही और किस राज्य में है परमिशन

Firecrackers Banned in India​: सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया है कि पटाखों को लेकर जारी दिशानिर्देश सभी राज्यों में लागू होंगे. कोर्ट ने यह भी कहा कि राज्य सरकारों की जिम्मेदारी बनती है कि वो वायु प्रदूषण और ध्वनि प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए जरूरी कदम उठाएं. इसके साथ ही दिवाली पर पटाखे जलाने का नियम अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग होगा. आइए समझते हैं कि आखिर दिल्ली, हरियाणा समेत राज्यों में पटाखों की क्या स्थिति रहेगी. यह भी जानेंगे कि किस राज्य में पटाखे जलाए जा सकते हैं और कौन से ऐसे राज्य हैं जहां पटाखे नहीं जलाए जाएंगे.

दिल्ली में पूर्ण बैन

दिल्ली में पहले से ही प्रदूषण की स्थिति खतरनाक है. इसी बीच राज्य के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा है कि इस साल दिवाली पर दिल्ली में पटाखों पर प्रतिबंध रहेगा. यह प्रतिबंध पटाखों के निर्माण, भंडारण, बिक्री, ऑनलाइन डिलीवरी और उपयोग पर लागू होगा. दिल्ली-एनसीआर के पुलिस अधिकारियों को पटाखों के लिए लाइसेंस जारी नहीं करने के निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने यह भी कहा कि यह प्रतिबंध दिवाली के दौरान दिल्ली में वायु प्रदूषण को कम करने के लिए लगाया गया है. उन्होंने कहा कि पिछले साल दिवाली के बाद दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) में भारी गिरावट आई थी. दिल्ली में हर साल दिवाली के दौरान बड़ी मात्रा में पटाखों का इस्तेमाल होता है. इससे वायु प्रदूषण में भारी वृद्धि होती है. उन्होंने कहा कि पटाखों से निकलने वाला धुआं और सल्फर डाइऑक्साइड वायु प्रदूषण के प्रमुख कारण हैं.

पंजाब 
उधर पंजाब सरकार ने पर्यावरण संरक्षण के लिए दिवाली, गुरुपर्व, क्रिसमस और नए साल पर केवल ‘ग्रीन’ क्रैकर्स की बिक्री की अनुमति दी है. इन चारों त्योहारों पर पटाखे केवल रात 8 से 10 बजे तक फोड़ने की अनुमति है. लुधियाना प्रशासन ने भी इन त्योहारों पर पटाखे फोड़ने की अनुमति देते हुए एक एडवाइजरी जारी की है. हालांकि दिवाली पर पटाखे फोड़ने की समय सीमा थोड़ी बढ़ाई गई है. दिवाली पर पटाखे रात 11:55 बजे से रात 12:30 बजे तक फोड़ने की अनुमति है.

बिहार 
बिहार सरकार ने दिवाली के दौरान वायु प्रदूषण को कम करने के लिए कुछ कड़े कदम उठाए हैं. राज्य की राजधानी पटना और तीन अन्य शहरों – गया, मुजफ्फरपुर और हाजीपुर में सभी प्रकार के पटाखों की बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. इन शहरों में केवल हरित पटाखों का ही इस्तेमाल किया जा सकता है. अन्य शहरों और ग्रामीण इलाकों में भी पटाखों की बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध है, लेकिन केवल हरित पटाखों के लिए छूट दी गई है. इन इलाकों में हरित पटाखों का उपयोग केवल रात 8 बजे से 10 बजे के बीच किया जा सकता है.

महाराष्ट्र में क्या है स्थिति 
बॉम्बे हाई कोर्ट ने मुंबई में दिवाली पर पटाखे फोड़ने के लिए समय सीमा तय की है. कोर्ट ने कहा है कि दिवाली पर पटाखे केवल शाम 7 बजे से रात 10 बजे के बीच ही फोड़े जा सकते हैं. कोर्ट ने यह आदेश इसलिए दिया है क्योंकि दिवाली के दौरान पटाखे फोड़ने से वायु प्रदूषण बढ़ जाता है. कोर्ट ने कहा है कि नागरिकों को दिवाली पर पटाखे फोड़ने और स्वच्छ वातावरण के बीच एक चुनाव करना होगा. कोर्ट ने कहा है कि वह पटाखे फोड़ने पर प्रतिबंध नहीं लगाएगी, लेकिन लोगों को वायु प्रदूषण को कम करने के लिए प्रयास करने चाहिए.

कोर्ट ने यह भी कहा है कि नगरपालिका अधिकारियों और पुलिस को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि पटाखे केवल निर्धारित समय के दौरान ही फोड़े जाएं. कोर्ट ने कहा है कि अगर कोई व्यक्ति इस आदेश का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. वहीं नागपुर में आतिशबाजी की अनुमति केवल रात 8 बजे से 10 बजे तक है, जबकि अधिकृत पटाखों की दुकानें रात 11 बजे तक खुली रह सकती हैं.

कर्नाटक
कर्नाटक सरकार ने दीपावली पर पटाखे फोड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया है. हालांकि यह प्रतिबंध केवल रात 8 बजे से 10 बजे के बीच लागू होगा. वहीं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने नॉन-ईको-फ्रेंडली पटाखों की बिक्री पर रोक लगा दी है और केवल ‘हरित’ पटाखों की बिक्री के लिए एक विशेष टास्क फोर्स का गठन किया है. द्वारा प्रतिस्थापित किया गया है.

केरल
केरल सरकार ने भी दिवाली के दौरान पटाखे फोड़ने की अनुमति को सीमित किया है. केवल रात 8 बजे से 10 बजे के बीच दो घंटे तक ही पटाखे फोड़ने की अनुमति होगी. यह प्रतिबंध कम वायु गुणवत्ता वाले शहरों में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेशों के आधार पर लगाया गया है. आदेश में जिला मजिस्ट्रेटों और जिला पुलिस प्रमुखों को यह भी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि उत्सवों में केवल हरित पटाखों का उपयोग किया जाए.

पश्चिम बंगाल
वहीं पश्चिम बंगाल सरकार ने इस दिवाली केवल हरित पटाखों की बिक्री की अनुमति दी है. इन पटाखों पर क्यूआर कोड होता है जो उनकी गुणवत्ता की गारंटी देता है. कोलकाता में चार मुख्य पटाखा बाजार स्थापित किए गए हैं. ताला में 44 दुकानें खोली जाएंगी. सभी दुकानें हरित पटाखों की बिक्री करेंगी. पटाखा बाजार 6 से 12 नवंबर तक सुबह 10 बजे से रात 10 बजे तक खुले रहेंगे. मैदान, बेहाला और कालिकापुर भी खुले रहेंगे. इस फैसले के पीछे दो मुख्य कारण हैं. पहला, वायु प्रदूषण को कम करना है. हरित पटाखे कम प्रदूषण करते हैं. दूसरा सुरक्षा सुनिश्चित करना है. वैसे हरित पटाखों में विस्फोट की संभावना कम होती है.

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