सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को दी नसीहत, वीर सावरकर मामले पर कहा- स्वतंत्रता सेनानियों का मजाक न उड़ाएं

सुप्रीम कोर्ट(Suprem Court) ने स्वतंत्रता सेनानी विनायक दामोदर सावरकर(Vinayak Damodar Savarkar) पर राहुल गांधी(Rahul Gandi) की आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर उन्हें चेतावनी दी है. शुक्रवार को अदालत ने कांग्रेस नेता को याद दिलाया कि वीर सावरकर जैसे व्यक्तियों ने हमें स्वतंत्रता दिलाई थी और उनके प्रति इस तरह का व्यवहार उचित नहीं है. अदालत ने राहुल गांधी को भविष्य में ऐसी टिप्पणियों से बचने की सलाह दी, अन्यथा वह स्वत: संज्ञान ले सकती है. इसके अलावा, बेंच ने राहुल गांधी के वकील अभिषेक मनु सिंघवी से यह भी पूछा कि क्या राहुल गांधी को यह जानकारी है कि महात्मा गांधी ने भी अंग्रेजों के साथ बातचीत में खुद को ‘आपका वफादार सेवक’ कहा था.

शीर्ष अदालत ने स्पष्ट किया है कि राहुल गांधी की वीर सावरकर के बारे में की गई टिप्पणी गैरजिम्मेदाराना थी और उन्हें ऐसा नहीं कहना चाहिए था. हालांकि, अदालत ने इस मामले में उन्हें कुछ राहत भी प्रदान की है. बेंच ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस फैसले पर रोक लगाई है, जिसमें राहुल गांधी के खिलाफ सावरकर पर की गई टिप्पणी के संबंध में मानहानि के मामले में जारी समन को रद्द करने से इनकार किया गया था. इसके साथ ही, सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में उत्तर प्रदेश सरकार को भी नोटिस जारी किया है. राहुल गांधी ने एक रैली के दौरान सावरकर पर विवादास्पद बयान दिया था.

अदालत ने कहा कि महात्मा गांधी ने भी अंग्रेजों के साथ बातचीत करते समय खुद को ‘वफादार नौकर’ के रूप में प्रस्तुत किया था. यह मामला 2022 में शुरू हुआ, जब राहुल गांधी ने अपनी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान महाराष्ट्र के अकोला में एक रैली में वीर सावरकर पर विवादास्पद टिप्पणी की. उन्होंने एक पत्र दिखाते हुए कहा कि सावरकर ने अंग्रेजों के प्रति वफादारी जताई थी और डर के मारे माफी भी मांगी थी. इसके विपरीत, गांधी और नेहरू ने ऐसा नहीं किया, जिसके कारण वे लंबे समय तक जेल में रहे. इस टिप्पणी के बाद एक अधिवक्ता ने राहुल गांधी के खिलाफ मामला दायर किया, लेकिन अदालत ने सुनवाई के दौरान उन्हें ऐतिहासिक तथ्यों के साथ नसीहत दी.

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