सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर हिंसा की जांच के लिए बनाई कमेटी, हाईकोर्ट के तीन पूर्व जज शामिल

नई दिल्ली. उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कहा कि वह हिंसा प्रभावित मणिपुर में राहत, पुनर्वास आदि जैसे ‘मानवीय’ मुद्दों को देखने के लिए तीन पूर्व न्यायाधीशों की एक समिति का गठन करेगा. समिति की अध्यक्षता जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट की पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति गीता मित्तल करेंगी. बॉम्बे हाई कोर्ट की सेवानिवृत्त जज जस्टिस शालिनी जोशी और दिल्ली हाई कोर्ट की पूर्व जज जस्टिस आशा मेनन भी समिति का हिस्सा होंगी.
मणिपुर हिंसा मामले में सुप्रीम कोर्ट का बड़ा दखल
– सुप्रीम कोर्ट मणिपुर हिंसा की जांच की
निगरानी करने को तैयार
– SC का फैसला
– हिंसा मामलों की जांच की निगरानी महाराष्ट्र के पूर्व IPS अफसर दत्तात्रेय पद्सालजिलकर को सौंपी
– महिलाओं के खिलाफ अपराधों की जांच CBI ही करेगी
-लेकिन स्वतंत्र निष्पक्ष जांच के लिए सीबीआई में दूसरे राज्यों से DySP रैंक के 5-5 अफसर लेने का फैसला
– बाकी मामलों की पुलिस जांच में 42 SIT बनेंगी
– इनका नेतृत्व SP रैंक का अधिकारी करेगा
– DIG स्तर के अफसर 6-6 SIT की निगरानी करेंगे
– तीन पूर्व हाईकोर्ट जजों की अध्यक्षता में एक समिति का गठन होगा
– जो मणिपुर में राहत, पुनर्वास की निगरानी करेगी
– जम्मू- कश्मीर हाईकोर्ट की पूर्व CJ गीत्ता मित्तल की अगुवाई में बॉम्बे हाईकोर्ट की पूर्व जज शालिनी और दिल्ली हाईकोर्ट की पूर्व जज आशा मेनन की कमेटी का गठन करें

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