नई दिल्ली. देश की राजधानी दिल्ली में जंतर मंतर पर धरना करने की इजाजत के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने किसान महापंचायत को फटकार लगाई है. जस्टिस खंडविलकर ने कहा आप लोगों ने धंधा बना लिया है. आप लोगों की वजह से सड़कें जाम हो गई हैं. लोग सड़कों पर कई घंटे तक खड़े रहते हैं. आपने पूरे शहर को बंधक बनाया और अब शहर के अंदर घुसना चाहते हैं.
आम आदमी के पास भी है अधिकार- SC
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कहा कि आपके पास अधिकार है तो लोगों के पास भी अधिकार है. सुप्रीम कोर्ट की जगह आप हाई कोर्ट भी जा सकते थे. आप शहर के अंदर घुसकर प्रदर्शन करना चाहते हैं.
पुलिस ने बंद कर रखी हैं सड़कें- याचिकाकर्ता
याचिककर्ता की ओर से वकील अजय चौधरी ने कहा कि सड़क हमारी वजह से जाम नहीं हुई है. पुलिस ने सड़कें बंद कर रखी हैं. हम उस धरने के हिस्सा नहीं हैं. जस्टिस खंडविलकर ने कहा कि आप धरना भी देंगे और कोर्ट में याचिका भी दाखिल करेंगे.
कृषि कानूनों का विरोध करना है मकसद- याचिकाकर्ता
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने कहा कि हम शांतिपूर्ण धरना करके तीन कृषि कानूनों का विरोध करना चाहते हैं. इस पर जस्टिस खंडविलकर ने कहा कि अगर आप उस धरने का हिस्सा नहीं है तो याचिका पर नोटिस करेंगे.
फिर वकील अजय चौधरी ने कहा कि हम हलफनामा देंगे कि हम सड़क जाम कर धरना देने वाले किसानों में शामिल नहीं हैं. सुप्रीम कोर्ट ने याचिका की कॉपी अटॉर्नी जनरल (AG) को देने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 4 अक्टूबर को होगी.