मुंबई. शरद पवार ने मंगलवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अध्यक्ष पद से अपने इस्तीफे की घोषणा की और पार्टी के कार्यकर्ताओं व समर्थकों के दबाव में अगले कुछ दिनों में अपने फैसले पर फिर से विचार करने पर सहमत भी हो गए. हालांकि, एनसीपी के दिग्गज नेता के पुनर्विचार के लिए सहमत होने के बावजूद तमाम तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं. इसके मुताबिक शरद पवार की सांसद बेटी सुप्रिया सुले पार्टी अध्यक्ष होंगी, जबकि शरद पवार के भतीजे अजीत पवार राज्य प्रमुख होने के साथ ही मुख्यमंत्री उम्मीदवार भी होंगे.
लेकिन एनसीपी के अनिल पाटिल ने इस तरह की अफवाहों पर विराम लगाते हुए कहा कि अभी कुछ भी तय नहीं है क्योंकि पार्टी कार्यकर्ता अब शरद पवार का मन बदलने की कोशिश कर रहे हैं. प्रफुल्ल पटेल भी एक संभावित नाम हैं, लेकिन पवार की घोषणा पर मिली भारी प्रतिक्रिया ने सब कुछ अधर में लटका दिया है. दरअसल, शरद पवार के इस्तीफे के बाद पार्टी के कई नेताओं ने भी अपने-अपने से इस्तीफा दे दिया है, जिसमें पार्टी के महासचिव पद से जितेंद्र अवध का इस्तीफा भी शामिल है. हालांकि, पार्टी उपाध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल ने कहा है कि उन्हें अध्यक्ष बनने में कोई दिलचस्पी नहीं है.
सुप्रिया सुले ने हाल ही में पार्टी में दो प्रमुख घटनाक्रमों का संकेत दिया था – एक मुंबई में और एक दिल्ली में. शरद पवार का इस्तीफा इनमें से एक लगता है और अब यह स्पष्ट हो गया है कि सुप्रिया सुले इस फैसले से अच्छी तरह वाकिफ थीं. एक लंबे समय के सांसद के रूप में सुप्रिया का झुकाव राष्ट्रीय राजनीति में माना जाता है और इसलिए उन्हें पार्टी अध्यक्ष के रूप में चुना जा सकता है, जबकि अजीत पवार महाराष्ट्र में अपनी लंबे समय की सीएम महत्वाकांक्षा के साथ पार्टी का नेतृत्व कर सकते हैं.
छगन भुजबल ने कहा, ‘एक सांसद के रूप में सुप्रिया अच्छा काम कर रही हैं. इसलिए नए (राकांपा) अध्यक्ष का फैसला करने में कोई समस्या नहीं होगी. अजीत पवार को राज्य (महाराष्ट्र) की जिम्मेदारी संभालनी चाहिए. काम का विभाजन पहले से ही है.’ हालांकि, भुजबल ने कहा कि यह उनकी निजी राय है. उन्होंने कहा, ‘चूंकि हम मुंबई में थे, इसलिए हम अनौपचारिक रूप से इस बात पर चर्चा करने के लिए मिले कि पवार साहब को अपना इस्तीफा वापस लेने के लिए कैसे राजी किया जाए.’
शरद पवार ने मंगलवार को शीर्ष पद से हटने की घोषणा की, लेकिन जोर देकर कहा कि वह पार्टी के साथ रहेंगे. बुधवार को हमेशा की तरह वे यशवंतराव चव्हाण प्रतिष्ठान में सुबह 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक लोगों से मिलते नजर आए. हालांकि, एनसीपी नेताओं ने यशवंतराव चव्हाण केंद्र में पार्टी के लिए भविष्य की रणनीति पर मंथन किया, लेकिन शरद पवार इस बैठक में शामिल नहीं हुए.