रायपुर। छत्तीसगढ़ रणजी टीम के कप्तान हरप्रीत सिंह भाटिया पर सरकारी नौकरी हथियाने धोखाधड़ी का केस दर्ज होने के बाद से फरार है। पुलिस रायपुर, दुर्ग भिलाई और दल्लीराजहरा कई ठिकानों पर छापेमारी भी की है, लेकिन अब भी कोई सूचना नहीं है।
उन्होंने अपने दस्तावेजों में बुंदेलखंड विवि से बीकाम की मार्कशीट लगाई थी। अधिकारियों को इस दस्तावेज पर शक हुआ तो उन्होंने छानबीन शुरू की। अब बुंदेलखंड विवि ने बताया है कि उन्होंने हरप्रीत सिंह भाटिया की मार्कशीट जारी ही नहीं की है।
केस दर्ज होने के बाद अब हरप्रीत के लिए अब आगे की राह आसान नहीं होगी। छत्तीसगढ़ क्रिकेट संघ और बीसीसीआइ कार्यवाही कर सकती है, लेकिन इस विषय पर संघ भी आधिकारिक बयान देने से बच रहा है। जानकारों का कहना है, संघ के किसी खिलाड़ी पर केस दर्ज होना पहली घटना नहीं है। कई खिलाड़ी अपराध दर्ज होने के बाद भी मैदान में खेला है। लेकिन यह विषय दूसरा है। खेल कोटे से नौकरी के नाम पर कप्तान का धोखाधड़ी करना संघ को भी स्वीकार नहीं होगी। जब तक आरोप साबित नहीं हो जाता हरप्रीत पर कांटे की सुई लटकी रहेगी।