स्वरा भास्कर ने लिखा, ‘देश के शीर्ष जज का अपने भयानक फैसले के लिए भगवान को जिम्मेदार बताने का कदम कितना सहज था,’ शिवसेना (UBT) ने पहले भी सीजेआई की बात पर सवाल उठाया था.क्या बोली उद्धव सेना
पार्टी ने मुखपत्र सामना में प्रकाशित संपादकीय में लिखा, “…क्या न्याय कानून द्वारा, संविधान की धाराओं के अनुसार किया जाता है? जजों को अब इस बारे में अपने-अपने भगवान से ही पूछना चाहिए. चंद्रचूड़ साहब ने वो रास्ता दिखाया है.” चीफ जस्टिस ने कहा, “जब बाबरी केस, अयोध्या में राम मंदिर का मामला मेरे सामने आया तो मैं भगवान के सामने बैठा. मैंने भगवान से इस मामले को सुलझाने की प्रार्थना की. मैंने भगवान से कहा, “अब आपको ही कोई समाधान निकालना होगा.”
आगे लिखा, “चीफ जस्टिस किस भगवान के सामने प्रार्थना करने के लिए बैठे? विष्णु के तेरहवें अवतार या चौदहवें अवतार? समाधान के बाद अयोध्या में राम मंदिर बनाया गया, लेकिन ये तय है कि लोकसभा चुनाव में तेरहवें अवतार से मंदिर के भगवान श्रीराम खुश नहीं हुए. कोर्ट को आस्था के मामले में नहीं पड़ना चाहिए. यहां कानून लागू नहीं होता.
क्या बोले थे CJI
“अक्सर हमारे पास मामले आते हैं, लेकिन हम समाधान पर नहीं पहुंच पाते. अयोध्या (राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद) के दौरान भी कुछ ऐसा ही हुआ था, जो 3 महीने तक मेरे सामने था. मैं ईश्वर के सामने बैठा और उनसे कहा कि उन्हें इसका समाधान ढूंढना होगा,” CJI चंद्रचूड़ ने पुणे के खेड़ तालुका में अपने पैतृक गांव कन्हेरसर पहुंचे थे.
तत्कालीन सीजेआई रंजन गोगोई की अगुवाई वाली सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की बेंच ने नवंबर 2019 को दिए गए फैसले में राम मंदिर बनाने का निर्णय लिया गया था, जो दशकों पुराने मामले को समाप्त करता था और मस्जिद को अयोध्या में ही वैकल्पिक पांच एकड़ के भूखंड पर बनाया जाएगा.