ट्रेन के डिब्बे में लगी टीबी जागरूकता पाठशाला

 

रायपुर। मंगलवार को हसदो एक्सप्रेस के यात्रियों को तिल्दा और रायपुर के बीच अनोखे अनुभव का एहसास हुआ जब एक सहयात्री ने अचानक उन्हें क्षय रोग यानि टी बी के बारे में जानकारियां देनी शुरू की। पहले तो यात्री चौंक गए लेकिन फिर बड़े ध्यान से महिला सहयात्री की बातें सुनी क्योंकि उन्हें उसकी बातों में समझदारी लगी।

ट्रेन में क्षय रोग पर जानकारी देने वाली कोई और नहीं बल्कि तिल्दा की टीबी चैंपियन चमेली देवांगन थी जो किसी काम से ट्रेन से रायपुर जा रही थी। इस बारे में  चमेली ने बताया: “ मुझे बैठे- बैठे अचानक लगा की क्यों न लोगों को कुछ जानकारी ही दी जाए तो मैंने यात्रियों को क्षय रोग के बारे में बताना शुरू किया। पहले तो लोग कुछ चुप ही रहे लेकिन धीरे धीरे सवाल भी पूछने शुरू किये। चमेली ने पंपलेट बांटकर लोगों को बोन टीबी के प्रति जागरूक भी किया।’’

आगे उन्होंने बताया: “रीढ़, कूल्हे के जोड़, कोहनी, घुटने के जोड़, टखने के जोड़ ऊपरी भाग का क्षय रोग हो सकता है। अगर फेफड़ों की टीबी या किसी भी टीबी से पीड़ित व्यक्ति पर शुरू से ध्यान नहीं दिया जाता है, तो बैक्टीरिया लंबी हड्डियों की प्रचुर संवहनी आपूर्ति की ओर बढ़ जाएगा और हड्डी की टीबी का कारण बन सकता है।“

इस दौरान लोगों ने चमेली को बताया कि उन्हें फेफड़ों की टी बी के बारे में जानकारी है लेकिन अन्य अंगों के टीबी जैसे हड्डियों का टी बी के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी।

शासकीय स्वास्थ्य केंद्रों पर टीबी का निशुल्क इलाज उपलब्ध कराया जाता है। रोग की समय पर पहचान हो जाने से टीबी का इलाज काफी आसान हो जाता है। अगर आस पास किसी भी व्यक्ति को इस प्रकार के लक्षण दिखते है तो उसे तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में लेकर जाए या मितानिन से संपर्क करें ताकि समय पर संक्रमित के इलाज की सुनिश्चित व्यवस्था की जा सके, यह सब बातें चमेली ने लोगों को बताई।

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