पहले बल्लेबाजी करने उतरी भारत ने तिलक वर्मा के असाधारण शतक की बदौलत 219/6 का मजबूत स्कोर बनाया. वर्मा ने 56 गेंदों पर आठ चौकों और सात छक्कों की मदद से नाबाद 107 रन बनाए, जिससे उनकी आक्रामक बल्लेबाजी का नजारा दिखा. अभिषेक शर्मा ने वर्मा का भरपूर साथ दिया और 25 गेंदों पर तीन चौकों और पांच छक्कों की मदद से 50 रन बनाए.
भारत ने 2023 में एक साल में सात बार 200 से ज़्यादा रन बनाने का रिकॉर्ड बनाया था, जिसे इस पारी के साथ तोड़ दिया गया. एक कैलेंडर वर्ष में सात बार यह उपलब्धि हासिल करने वाली अन्य टीमें बर्मिंघम बियर्स (2022) और जापान (2024) थीं.
तिलक वर्मा के शतक ने 2024 में टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में भारत का पाँचवाँ व्यक्तिगत शतक बनाया. इस उपलब्धि ने टी20 में एक कैलेंडर वर्ष में किसी टीम द्वारा बनाए गए सबसे ज़्यादा शतकों के रिकॉर्ड की बराबरी की. यह रिकॉर्ड पहले रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (2016) और भारत (2023) के नाम था. वर्मा के अलावा, संजू सैमसन (दो शतकों के साथ), अभिषेक शर्मा और रोहित शर्मा ने भी 2024 में भारत के लिए टी20I में शतक बनाए हैं.
दक्षिण अफ्रीका ने हेनरिक क्लासेन और मार्को जेनसन की दमदार बल्लेबाजी की बदौलत लक्ष्य का पीछा करते हुए बहादुरी से वापसी की. क्लासेन ने 22 गेंदों पर 41 रन बनाए, जिसमें चार छक्के शामिल थे, जबकि जेनसन ने 17 गेंदों पर 54 रन बनाए, जिसमें पांच छक्के और चार चौके शामिल थे. जेनसन की पारी टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में भारत के खिलाफ सबसे तेज अर्धशतक होने के कारण उल्लेखनीय थी. उनके प्रयासों के बावजूद, दक्षिण अफ्रीका लक्ष्य से 11 रन पीछे रह गया.
अर्शदीप सिंह भारतीय गेंदबाजों में सबसे बेहतरीन गेंदबाज रहे, जिन्होंने 37 रन देकर 3 विकेट चटकाए. उन्होंने पावरप्ले और डेथ ओवरों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसमें अंतिम ओवर में खतरनाक जेनसन को आउट करना भी शामिल था.