0- सहयोगियों को तीन-तीन वर्ष का सश्रम करावास की सजा
0- थाना मोहला क्षेत्रान्तर्गत मामला
राजनांदगांव। प्रकरण की संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि माह मई 2019 में थाना मोहला क्षेत्रान्तर्गत निवासी अनुसूचित जनजाति की नाबालिक बालिका को अभियुक्त मोहन गिरो के द्वारा अपने साथ ले जाकर रात भर खेत में रखा और दूसरे दिन अभियुक्त कृष्णा एवं बिल्लू की से उसे अन्यत्र ले जाया गया। बाद में अभियुक्त मोहन गिरो के द्वारा बालिका को महाराष्ट्र लेजाकर अपने साथ रखकर उसके साथ जबर दस्तो दुष्कर्म किया गया। बालिका के पिता के द्वारा बालिका के गुम हो जाने की रिपोर्ट की गई। रिपोर्ट के आधार पर थाना मोहला के द्वारा अभियुक्तगण के विरूद्ध धारा 363 366 376 34 भादवि एक्ट्रोसिटी की धारा 3(2) मोटर व्हीकल एक्ट की 140 196 3 181 एवं पॉक्सो एक्ट की धारा 4, 6, 9 के तहत चालान विचारण हेतु विशेष न्यायालय के समक्ष पेश किया गया था।
न्यायालय माननीय अपर सत्र न्यायाधीश, फास्ट ट्रेक स्पेशल कोर्ट (पॉक्सो) राजनांदगांव पीठासीन न्यायाधीश श्री शैलेष शर्मा द्वारा विचारण उपरान्त मामले में निर्णय घोषित कर अभियुक्त मोहन गिरी को भारतीय दण्ड संहिता की धारा 363 के आरोप में तीन वर्ष के सश्रम कारावास एवं 1000 रूपये अर्थदंड, भारतीय दण्ड संहिता की धारा 366 के आरोप में तीन वर्ष के सश्रम कारावास एवं 1000 रूपये अर्थदंड एवं भारतीय दण्ड संहिता की धारा 376 (2) (ढ) के आरोप में दस वर्ष के सश्रम करावास एवं 1000 रूपये अर्थदंड प्रत्येक अर्थदंड की राशि अदा न किये जाने की स्थिति में अभियुक्त को 6 माह का अतिरिक्त सश्रम करावास की सजा पृथक से भुगतनी होगी। अभियुक्तगण खिल्लू उर्फ खिलेश एवं कृष्णा को भारतीय दण्ड संहिता की धारा 363 सहपठित धारा 109 के आरोप में क्रमशः तीन-तीन वर्ष के सश्रम कारावास एवं 1000 1000 रूपये अर्थदड तथा भारतीय दण्ड संहिता की धारा 366 सहपठित धारा 109 के आरोप में क्रमशः तीन-तीन वर्ष के सश्रम कारावास एवं 1000-1000 रूपये का अर्थदंड अर्थदंड को अदायगी न किये जाने पर प्रत्येक अर्थदंड की चूक के लिए अभियुक्त खिल्लू एवं कृष्णा को क्रमशः 6-6 माह का अतिरिक्त सश्रम कारावास की सजा पृथक से भुगतनी होगी। मामले में छत्तीसगढ़ राज्य की ओर से विशेष लोक अभियोजक (पाक्सो) परवेज़ अख्तर एवं विशेष लोक अभियोजक (एक्ट्रोसिटी) विकास शुक्ला, राजनांदगाँव ने पैरवी की।