टेरर फंडिंग पर कसेगी लगाम, भारत में होगा ‘No money for terror’ कांफ्रेंस,जानें कौन से देश नहीं होंगे शामिल

 

नई दिल्ली. आतंकवादी गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए भारत में ‘No money for terror’ अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा. भारत में 18 और 19 नवंबर को यह इंटरनेशनल कार्यक्रम होगा जिसका आयोजन एनआईए करेगी. डीजी एनआईए दिनकर गुप्ता का कहना है कि काउंटर टेरर फाइनेंसिंग पर यह कांफ्रेंस है. पहली कांफ्रेंस फ्रांस में हुई थी. दूसरा एडिशन 3 साल पहले ऑस्ट्रेलिया में हुआ था. उसके बाद कोविड की वजह से कांफ्रेस नहीं हो सकी. आतंकियों की फडिंग को रोकने के लिए ऐसी कांफ्रेंस का आयोजन किया जा रहा है और भारत इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.

72 देश होंगे कांफ्रेंस में शामिल

डीजी एनआईए दिनकर गुप्ता का कहना है कि 72 देश इस कांफ्रेंस में आ रहे हैं. हर देश के प्रतिनिधियों को अपनी बात रखने का पर्याप्त मौका मिलेगा. इस कांफ्रेंस का एक अहम मुद्दा नार्को टेरेरिज्म भी होगा. पाकिस्तान-अफगानिस्तान इस कांफ्रेंस में हिस्सा नहीं ले रहे हैं, जबकि चीन इसमें शामिल होगा. डीजी एनआईए के मुताबिक उन देशों के नुमाइंदों से चर्चा होगी जिनके यहां के लोगों की मदद से भारत में संचालित आतंकियों की फंडिंग में मदद मिल रही है. उनका कहना है कि इसमें कोई शक नहीं है कि आतंक के खिलाफ सख्त कार्रवाई हुई है. अब उसे और पुख्ता बनाने की कोशिश की जाएगी.

सेकेट्री वेस्ट संजय वर्मा के मुताबिक भारत-रूस का सहयोग आतंक के खिलाफ लड़ाई में जारी है. एफएटीएफ में भी रूस का सहयोग है. फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स से बड़ी ये संस्था है. लिहाजा इसका दायरा भी बहुत बड़ा होगा. वैश्विक आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए नो मनी फॉर टेरर और एफएटीएफ को मिलकर आने वाले दिनों में काम करना होगा. उनका कहना है कि सोशल मीडिया के जरिए आतंकी क्राउड फंडिंग कर रहे हैं. इसकी रोकथाम के लिए इस कांफ्रेंस में चर्चा होगी.

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