1000 करोड़ रुपये की ठगी का आरोपी गिरफ्तार, 50 हजार का था इनामी

नई दिल्ली: दिल्ली-एनसीआर, यूपी और पंजाब में एक हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की ठगी के आरोपी को उत्तरी जिला पुलिस ने गिरफ्तार किया है. आरोपी पीयूष तिवारी को पुलिस ने लगभग 11 हजार किलोमीटर घूमने के बाद गिरफ्तार किया है. उसके खिलाफ 30 से ज्यादा ठगी के मामले विभिन्न राज्यों में दर्ज हैं. उसकी पत्नी ठगी के मामले में पहले ही गिरफ्तार हो चुकी है. दिल्ली पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी पर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित कर रखा था.

उत्तरी जिला डीसीपी सागर सिंह कलसी ने बताया कि दिल्ली पुलिस को जालसाजी के मामले में पीयूष तिवारी नामक शख्स की तलाश थी. उसके खिलाफ 2017 में आर्थिक अपराध शाखा में मामला दर्ज हुआ था. इस मामले में अदालत ने उसे भगोड़ा घोषित कर रखा था. वहीं दिल्ली पुलिस कमिश्नर की तरफ से उसकी गिरफ्तारी पर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित था. आर्थिक अपराध शाखा के अलावा उसके खिलाफ तिलक मार्ग, मयूर विहार, आनंद विहार, फर्श बाजार, पांडव नगर, कृष्णा नगर, उत्तर प्रदेश, पंजाब आदि जगहों पर लगभग 36 मामले दर्ज हैं. इसे ध्यान में रखते हुए एसीपी जयपाल सिंह की देखरेख में सब इंस्पेक्टर नरेश कुमार, संदीप और हवलदार ओमप्रकाश की टीम उसकी तलाश कर रही थी.

छानबीन के दौरान पुलिस को पता चला कि अकेले यूपी में उसके खिलाफ डेढ़ दर्जन से ज्यादा मामले दर्ज हैं. दिल्ली में 6 और पंजाब में भी कई मामले दर्ज हैं. यह भी पता चला कि इस ठगी में उसकी पत्नी भी शामिल थी. उसे गिरफ्तार किया जा चुका है और वह जेल में है. हेड कांस्टेबल ओम प्रकाश को सूचना मिली कि पीयूष महाराष्ट्र में कहीं छिपा हुआ है. इसके बाद से पुलिस लगातार उसकी तलाश में अलग-अलग जगह छापेमारी कर रही थी. लगभग 11 हजार किलोमीटर तक पीछा करने के बाद पुलिस टीम ने आखिर उसे गिरफ्तार कर लिया है. पूछताछ में पुलिस को पता चला कि आरोपी ने नोएडा में एक ही फ्लैट को कई लोगों को बेचकर उनसे करोड़ों रुपए की ठगी की थी.फिलहाल पुलिस से बचने के लिए वह नासिक में अपना नाम बदलकर रह रहा था. वहां पर वह प्याज और फूड चेन का कारोबार कर रहा था. आरोपी ने पुलिस को बताया कि वह दिल्ली से फरार होने के बाद दक्षिण भारत चला गया था. वहां पर वह कारोबार करने लगा. इसके बाद वह नासिक चला गया था. वहां पर वह पुनीत भारद्वाज के नाम से रह रहा था. आरोपी पीयूष तिवारी डीयू से ग्रेजुएट है. वह मूल रूप से नोएडा का रहने वाला है. उसने शुरुआत में एडवरटाइजमेंट एजेंसी शुरू की थी. इसके बाद उसने नोएडा में फ्लैट में इन्वेस्टमेंट किया और उसके बाद लोगों से ठगी करने लगा. पुलिस के अनुसार आरोपी पियूष तिवारी ने 2011 में अपना बिजनेस शुरू किया था. उसने कई कंपनियां खोली और इनके लिए कई सेल कंपनियां भी खोल ली. वर्ष 2016 में आयकर विभाग ने उसकी कंपनी पर छापा मारा और 120 करोड़ रुपये बरामद किए थे. इस बरामदगी के बाद से उसका कारोबार घाटे में चल रहा था. इसलिए उसने लोगों के साथ ठगी का धंधा शुरू कर दिया. 2017 में आर्थिक अपराध शाखा ने उसके खिलाफ मामला दर्ज किया था जिसमें अदालत ने उसे भगोड़ा घोषित कर रखा था.

error: Content is protected !!