पत्नी और तीन बच्चों के साथ लंदन जा रहे थे डॉक्टर, प्लेन क्रैश में पूरा परिवार खत्म; आखिरी सेल्फी आई सामने

Banswara Doctor Family Died In Air India Plane Crash: अहमदाबाद प्लेन हादसे  (Ahmedabad Plane Crash) में मरने वालों की संख्या 265 पहुंच गई है। एअर इंडिया विमान हादसे में राजस्थान के बांसवाड़ा का डॉक्टर परिवार खत्म हो गया। हादसे में डॉक्टर दंपति समेत उनके दो जुड़वां बेटियां समेत तीन बच्चों की मौत हो गई। हादसे की खबर मिलते ही घर में मातम छा गया और परिवार के सदस्य अहमदाबाद रवाना हो गए. पूरा बांसवाड़ा शोक में डूब गया है।

प्रतीक जोशी लंदन में पेशे से डॉक्टर थे। उन्होंने विमान के टेक ऑफ करने से पहले सेल्फी भी ली थी। सेल्फी फोटो में देखा जा सकता है कि प्रतीक जोशी उनकी पत्नी डॉ. कोमी व्यास और तीनों बच्चे काफी खुश दिखाई दे रहे हैं। हालांकि उन सभी की ये सेल्फी मौत की सेल्फी (Selfie of death) साबित हुई। इसके तुरंत बाद प्लेन हादसे में सभी पांच लोगों की मौत हो गई।

जानकारी के अनुसार, बांसवाड़ा की रातीतलाई कॉलोनी में रहने वाले डॉ. जेपी जोशी के बेटे प्रतीक जोशी, बहू डॉ. कौमी और दंपति के तीन बच्चे  मिराया, नकुल और प्रद्युत लंदन जाने के लिए एयर इंडिया के विमान एआई171 में सवार हुए थे। टेक ऑफ के चंद मिनट बाद यह विमान अहमदाबाद के मेघाणी नगर इलाके में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। हादसे के दौरान विमान में 242 यात्री सवार थे।

प्रतीक जोशी की पत्नी का नाम डॉ. कोमी व्यास है। वह एक डॉक्टर थीं और उन्होंने दो दिन पहले ही अपनी नौकरी से इस्तीफा दिया था ताकि लंदन में नई शुरुआत की जा सके। इस परिवार के तीन बच्चे हैं, जिनमें दो जुड़वा बेटियां हैं और दोनों की उम्र पांच साल है। प्रतीक जोशी का पूरा परिवार लंदन में बसने के इरादे से इस फ्लाइट में सवार हुआ था। प्रतीक की लंबे समय से योजना थी कि वे अब पत्नी और बच्चों को भी लंदन लेकर जाएं। एकसाथ नई ज़िंदगी की शुरुआत करें। लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। विमान के हादसे ने पूरे परिवार की खुशियों को चंद लम्हों में गम में बदल दिया।

दो महीने से बांसवाड़ा में थे, बच्चों का नहीं मिल रहा था वीजा  
परिजनों ने बताया कि पेसिफिक मेडिकल कॉलेज से इस्तीफा देने के बाद डॉक्टर प्रतीक पत्नी और बच्चों के साथ बांसवाड़ा में ही थे। उन्हें यहां रहते हुए करीब दो महीने हो गए थे। बच्चों का वीजा नहीं मिल पाने के कारण वे लंदन नहीं जा पा रहे थे। जैसे ही बच्चों का वीजा तैयार हुआ पूरा परिवार लंदन जाने के लिए तैयार हो गया।

चेहरे पर थी नई जिंदगी शुरू करने की खुशी
पेसिफिक हॉस्पिटल के चेयरमैन आशीष अग्रवाल ने कहा कि डॉ. कौनी दो दिन पहले ही अस्पताल आई थीं। उन्होंने पूरे स्टाफ से मिलकर लंदन जाने की जानकारी दी थी। उनके चेहरे पर नई जिंदगी शुरू करने की खुशी झलक रही थी। किसी ने नहीं सोचा था कि वो आखिरी बार मिल रही हैं। उनके परिवार के निधन से अस्पताल स्टाफ भी दुखी है। जोशी दंपती शांत स्वभाव थे, उन्होंने अपने व्यवहार से लोगों के दिलों में जगह बनाई थी।

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