राष्ट्रीय कार्यसमिति के बाद बदल जाएगा छत्तीसगढ़ भाजपा का चेहरा

रायपुर। भाजपा की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक दो से चार जुलाई को हैदाराबाद में प्रस्तावित है। प्रदेश में लंबे समय से मजबूत नेतृत्व की मांग की जा रही है। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि राष्ट्रीय कार्यसमिति के बाद छत्तीसगढ़ भाजपा का चेहरा बदल जाएगा। भाजपा के उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो प्रदेश अध्यक्ष के रूप से साहू समाज के नेता (वर्तमान में सांसद) की ताजपोशी हो सकती है।

वहीं, शक्ति संतुलन के रूप में चुनाव समिति की घोषणा की जाएगी। माना जा रहा है कि इसकी कमान सामान्य वर्ग के एक पूर्व मंत्री को मिल सकती है। केंद्रीय संगठन ने इसका खाका तैयार कर लिया है। राष्ट्रीय कार्यसमिति के बाद इसकी घोषणा हो सकती है।

छत्तीसगढ़ में साहू समाज के वोटर प्रभावी भूमिका में है। एक दर्जन से ज्यादा साहू विधायक हैं। यही नहीं, कांग्रेस और भाजपा में 25 से ज्यादा विधानसभा उम्मीदवार साहू समाज से मैदान में उतरते हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कुर्मी समाज का प्रतिनिधित्व करते हैं। ऐसे में भाजपा की कोशिश है कि ओबीसी वर्ग से आने वाले साहू समाज का प्रदेश अध्यक्ष देकर राजनीतिक को अपने पाले में किया जाए।

भाजपा के आला नेताओं ने बताया कि साहू समाज के सांसद की एंट्री भी पूर्व मुख्यमंत्री डा रमन सिंह की तर्ज पर होगी। भाजपा ने वर्ष 2002 में डा. रमन सिंह को प्रदेश अध्यक्ष की कमान उस समय सौंपी थी, जब वह केंद्र की अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में मंत्री थे। इसके बाद भाजपा सरकार में आई और डा रमन 15 साल तक मुख्यमंत्री रहे।

केंद्रीय संगठन में भी बदलेगा प्रतिनिधित्व

भाजपा के केंद्रीय संगठन में भी छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व बदलने की चर्चा है। बताया जा रहा है कि प्रदेश के एक युवा आदिवासी नेता को राष्ट्रीय महासचिव जैसी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिल सकती है। बस्तर के आदिवासी वोटरों को साधने के लिए भाजपा यह प्रयोग करने की तैयारी में है। वर्तमान में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के रूप में डा रमन सिंह केंद्रीय संगठन में हैं। इससे पहले राज्यसभा सदस्य सरोज पांडेय को राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया था।

चुनाव से पहले बनेगी विशेष कमेटी

विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा विशेष कमेटी बनाने की तैयारी कर रही है। इसमें भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के साथ सांसद, विधायक और संगठन के तेजतर्रार नेताओं को शामिल किया जाएगा। ओबीसी वर्ग से आने वाले नेता प्रतिपक्ष, सांसद के रूप में संतोष पांडेय, पूर्व मंत्री के रूप में राजेश मूणत को भी टीम में शामिल किया जा सकता है।

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