महानदी जल विवाद सुलझाने के लिए हाई लेवल कमेटी की पहली बैठक 22 को

रायपुर। महानदी जल विवाद को सुलझाने के लिए ओडिशा सरकार ने उच्चस्तरीय कमेटी का गठन किया है। इस कमेटी की पहली बैठक 22 दिसंबर को शाम चार बजे लोक सेवा भवन में होगी। ओडिशा के उपमुख्यमंत्री कनकबर्धन सिंह देव इसकी अध्यक्षता करेंगे, जबकि कमेटी के अन्य सदस्य और अधिकारी भी मौजूद रहेंगे। हालांकि यह मामला अब भी ट्रिब्यूनल में विचाराधीन है।

अलग-अलग मोर्चों पर बातचीत

ओडिशा और छत्तीसगढ़ सरकार अलग-अलग मोर्चों पर बातचीत कर रही है। मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी के निर्देश पर बनी इस कमेटी में भाजपा, बीजद और कांग्रेस के प्रतिनिधि शामिल हैं। इसके अलावा महानदी से जुड़े जिलों के विधायक भी सदस्य हैं। कमेटी का उद्देश्य विवाद के तकनीकी और प्रशासनिक पहलुओं का विश्लेषण कर समाधान की दिशा में मार्गदर्शन देना है।

क्या कहना है ओडिशा के विधायक का?

कमेटी गठन के बाद ओडिशा के विधायक जयनारायण मिश्रा ने जानकारी दी कि पिछली सरकार का ट्रिब्यूनल जाने का निर्णय गलत था और इसके लिए राजनीतिक समाधान आवश्यक था। उन्होंने कहा कि ट्रिब्यूनल जाने से प्रक्रिया में देरी हुई। उनका मानना है कि जैसे छत्तीसगढ़ ने महानदी पर बैराज बनाया, वैसे ही ओडिशा को भी हीराकुद डैम के नीचे और बैराज बनाने चाहिए। उन्होंने उम्मीद जताई कि राजनीतिक समाधान और कमेटी के प्रयास से विवाद समाप्त होगा।

क्या कहना है कमेटी के सदस्य का?

कमेटी की सदस्य सोफिया फिरदौस का कहना है कि नौ साल बाद ऐसी कमेटी बनना महत्वपूर्ण है। न्यायिक प्रक्रिया में अक्सर देरी होती है। इसलिए यह कमेटी विवाद का त्वरित और प्रभावी समाधान निकालने में मदद करेगी। कमेटी की पहली बैठक को लेकर ओडिशा में राजनीतिक और प्रशासनिक स्तर पर व्यापक चर्चा चल रही है और इसे विवाद सुलझाने का ऐतिहासिक अवसर माना जा रहा है।

पानी से जुड़े सभी पहलुओं की जांच करेगी कमेटी

कहा जा रहा है कि यह कमेटी महानदी के पानी से जुड़े सभी पहलुओं की जांच करेगी और राज्य में तकनीकी तथा प्रशासनिक स्तर पर किए जा रहे प्रयासों को आवश्यक मार्गदर्शन देगी।

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