रायपुर। छग के सुकमा Sukma में बीते 26 मई को हुए आइईडी ब्लास्ट IED blast में घायल 13 साल की सुक्की को इलाज के बाद रायपुर एम्स AIIMS से छुट्टी दे दी गई। लेकिन इस हादसे ने सुक्की को ऐसा जख्म दे दिया जिसे वो जीवनभर कभी भुला नहीं पाएगी। इस आइईडी विस्फोट में सुक्की ने अपना एक पैर गंवा दिया। सुकमा की सुक्की को जब एम्स-रायपुर से छुट्टी दी जा रही थी तब उसने मासूमियत भरे लहजे से अस्पताल में मौजूद लोगों से पूछा, मेरी गलती क्या थी? मैंने क्या गलत किया है? क्या मुझे फिर से उड़ा दिया जाएगा?” मैं खुद को धमाके से कैसे बचा सकती हूं?
दरअसल, सुक्की और उसकी एक सहेली 26 मई की सुबह सुकमा के भीमापुरम गांव में महुआ फल इकट्ठा करने गई थी, तभी उसका पैर जमीन के नीचे नक्सलियों द्वारा प्लांट किए गए एक आइईडी पर पड़ गया। उसकी सहेली तो बाल-बाल बच गई, लेकिन सुक्की बुरी तरह घायल हो गई। उसका बायां पैर टूट गया था और पूरे शरीर पर चोट के निशान थे।