जीवन का लक्ष्य पैसा कमाना ही न हो, सदगुणों के लिये भी पुरूषार्थ करें

राजनांदगांव। पूज्य श्री जिन प्रभ सुरीश्वर जी म.रा.सा. ने आज दोपहर जैन बगीचा में आयोजित पत्रकार वार्ता में कहा कि जीवन का लक्ष्य पैसा कमाना ही न हा,े अपितु लोग सद्गुणों को प्राप्त करने के लिये भी पुरूषार्थ करें। उन्होंने कहा कि जैन समाज में कई उदार लोग हैं समाज में पुण्य के काम करते रहते हैं। उन्होंने बढ़ती नशांखोरी पर कहा कि खासतौर से युवाओं में ऐसा हो रहा है और इसकी रोकथाम के लिये स्कूल-कॉलेजों में संस्कार शिक्षा दी जानी चाहिये। श्रीमद् भागवत गीता,रामायण आदि के प्रश्न पर कहा कि ये बहुत पवित्र ग्रंथ है। पूज्य जैनाचार्य ने इससे पहले बताया कि वे मध्यप्रदेश,महाराष्ट्र से होते हुए छत्तीसगढ़ पहुंचे हैं। राजनांदगांव में वे 8 फरवरी को पहुंचे। इस तरह 55 दिनों में वे 1300 किलोमीटर की पदयात्रा कर चुके हैं। पूर्व वर्षों में दुर्ग,रायपुर में चर्तुमाष कर चुके है। पूज्य आचार्य श्री ने आत्मा-परमात्मा और धर्म सिद्धांतों पर भी अपनी बातें कही। उन्होंने प्रश्नों के उत्तर में कहा कि साधुसंतों का काम विवाद उठाना नहीं,अपितु विवादों का समाधान करना है। इस अवसर पर सकल जैन श्री संघ के अध्यक्ष मनोज बैद,ट्रस्टीगण नरेश गोलछा,ज्ञानचंद कोठारी, श्रीचंद कोचर,प्रतिष्ठा समिति के अध्यक्ष ललित भंसाली,महामंत्री दिनेश लोढा,कोषाध्यक्ष राजेश कोटड़िया के अलावा अशोक कोचर आदि उपस्थित थे।

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