राजनांदगांव। सार्स महामारी कोविड 19 यानी कोरोना के दो साल में अंचल के बड़ी संख्या में श्रद्धालु नौरात्रि पर्वों मंे मां बम्लेश्वरी तीर्थ में देवी माताओं के दर्शन और मेला देखने के लिये तरस गये थे। लंबे समय बाद चैत नौरात्रि में डोंगरगढ़ जाने का अवसर अंचल भर के श्रद्धालुओं को मिल रहा है। छत्तीसगढ़ की परंपरा रही है कि लाखों श्रद्धालु विभिन्न माध्यमों से डोंगरगढ़ देवी दर्शन व मेला देखने के लिये पहुंचते रहे हैं। पिछले कई सालों से बड़ी संख्या में पदयात्री भी पहुंचते हैं और सुदूर रायपुर तक के श्रद्धालु पैदल आते हैं वह भी नंगे पांव। ऐसे में पुलिस व सिविल प्रशासन के साथ नागरिक संगठनों द्वारा भी व्यवस्था बनाने का फर्ज निभाया जाता है। इस बार की नौरात्रि में पैदल यात्रियों और मोटर गाड़ियों के लिये मार्ग व्यवस्था दुर्घटना से बचाव के साथ-साथ सुगम सुचारू आवाजाही के लिये की है।
अंजोरा से ठाकुरटोला टोल प्लाज तक व्यवस्था इस प्रकार
यातायात पुलिस प्रभारी रक्षित निरीक्षक अमित सिंह ने बताया कि पूर्व में दुर्ग की ओर अंजोरा से लेकर टोल प्लाजा ठाकुरटोला तक और टोल प्लाजा से इधर राम दरबार सीआईटी कॉलेज 20 किलोमीटर तक डोंगरगढ़ जाने वाले पदयात्रियों और निकट तथा लंबी दूरी की मोटर गाड़ियों के लिये आवाजाही की व्यपवर्तित (डायवर्टेड) व्यवस्था बनाई गई है। आज नौरात्रि के दूसरे दिन की शाम से पैदल यात्रियों की भीड़ बढ़ जायेगी और पंचमी के बाद से कम भी होने लगेगी अतः सड़क दुर्घटना न हो इस पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। बताया गया कि अंजोरा से टोल प्लाजा ठाकुर टोला तक पैदल यात्री बायीं ओर चलेंगे और मोटर गाड़ियां दायीं ओर चलेंगीं। टोल प्लाजा तक आने के बाद स्थिति ठीक उल्टी हो जायेगी, अर्थात् राम दरबार सीआईटी कॉलेज के पास आते तक गाड़ियां बायीं ओर चलने लगेंगी और पैदल यात्री दायीं ओर चलने लगेंगे। फिर ये अपने-अपने गंतव्य की ओर रवाना हो जाएंगे।