सुप्रीम कोर्ट में जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 निरस्त किए जाने के खिलाफ याचिकाओं पर जुलाई में सुनवाई हो सकती है. आर्टिकल 370 हटाने के सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर जल्द सुनवाई की मांग की गई थी. इस पर भारत के चीफ जस्टिस एनवी रमना ने कहा कि वो 370 से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई के लिए जुलाई में पांच जजों की बेंच का गठन करने की कोशिश करेंगे.
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एनवी रमना की अगुवाई वाली बेंच के सामने यह मामला उठाया गया. एडवोकेट शेखर नाफडे ने मामला उठाया और कहा कि जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का देने वाले अनुच्छेद-370 को खत्म किए जाने के फैसले को चुनौती दी गई है. यह मामला 2019 से पेंडिंग है. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट से जल्द सुनवाई की गुहार लगाई गई.
मामले में पांच जजों के गठन की जरुरत होगी- CJI
इस पर चीफ जस्टिस ने कहा कि हमें देखने दिया जाए. इसके बाद नाफडे ने कहा कि गर्मी की छुट्टियों के बाद जुलाई में इस मामले की सुनवाई हो. साथ ही कहा कि जम्मू कश्मीर डीलिमिटेशन प्रक्रिया चल रही है. इस पर सीजेआई ने कहा कि हमें देखने दिया जाए. साथ ही कहा कि इस मामले में पांच जजों के गठन की जरुरत होगी. हम इसके लिए बेंच का गठन करने होंगे. नए बेंच के गठन पर चीफ जस्टिस तैयार हो गए.
गौरतलब है कि सबसे पहले इस मामले में एमएल शर्मा की ओर से याचिका दाखिल कर 370 निरस्त करने के फैसले को चुनौती दी गई थी. इसके बाद जम्मू कश्मीर के वकील शाकीर शब्बीर की ओर से याचिका दाखिल की गई. उसके बाद नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) के नेता की ओर से याचिका दाखिल की गई. उनकी दलील में कहा गया कि राज्य के दर्जे में बदलाव किया गया और लोगों का अधिकार उनसे पूछे बिना ले लिया गया. मामले में राष्ट्रपति ने जो आदेश पारित किया है, वह गैर-संवैधानिक है.