गोपालगंज. बिहार के गोपालगंज में लगभग दो महीने पहले की गई मुखिया हत्याकांड (Mukhiya Murder Case) का पुलिस ने खुलासा करने का दावा किया है. एसआईटी (SIT) ने वारदात को अंजाम देने वाले तीनों सुपारी किलर्स (Contract Killers) समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया है. एसआईटी के समक्ष (सामने) उन्होंने अपना जुर्म कबूल करते हुए बताया कि मुखिया की हत्या के लिए उन्हें सीवान से हथियार मिले थे. हत्यारों की निशानदेही पर एसआईटी ने सीवान (Siwan) के बड़हरिया थाना क्षेत्र के योगापट्टी में बुचन शर्मा के ठिकाने पर छापेमारी की तो वहां से हथियार और गन बनाने का काफी सामान मिला. एसआईटी ने इसको जब्त कर स्थानीय पुलिस को सौंप दिया है और फरार बुचन शर्मा की तलाश में जुट गयी है. एसआईटी के मुताबिक बुचन शर्मा यहां अवैध गन फैक्ट्री चलाता था.
एसआईटी की पूछताछ में गिरफ्तार सुमित कुमार सिंह उर्फ श्रीराम सिंह ने खुलासा कि उसने मुखिया की हत्या के लिए बुचन शर्मा के पास से हथियार मंगवाया था. इस हत्याकांड में सुमित के साथ उसका सहयोगी विशाल उपाध्याय और हारूण मियां भी शामिल था. मुखिया को मारने के लिए उसको पांच लाख रुपये की सुपारी मिली थी, जिसमें से एडवांस के रूप में महज 20 हजार रुपये दिए गए थे. सुमित ने बताया कि वो बाइक चला रहा था और पीछे बैठे उसके साथियों ने गोली मारी थी.
जिन लोगों पर मुखिया के मर्डर की सुपारी देने का आरोप है, उन पर पुलिस कोर्ट से वारंट ले चुकी है. फरार अपराधियों को अब सरेंडर करने के सिवाय बचने का कोई रास्ता नहीं है. पुलिस अधीक्षक (एसपी) आनंद कुमार का कहना है कि फरार अपराधियों की गिरफ्तारी जल्द कर ली जायेगी. गिरफ्तारी में देरी होने पर पुलिस कुर्की की कार्रवाई करेगी. वहीं, जिनको गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है, उन पर जांच पूरी कर तीन माह के अंदर स्पीडी ट्रॉयल चलाने की अनुशंसा की जायेगी.
बता दे कि गोपालगंज के थावे थाना क्षेत्र के धतिवना पंचायत के नवनिर्वाचित मुखिया सुखल मुसहर की बीते 18 जनवरी को अपराधियों ने दिनदहाड़े गोली मार कर हत्या कर दी थी. मुखिया की हत्या के बाद गोपालगंज से लेकर पटना तक हड़कंप मच गया था. जिसके बाद एसपी आनंद कुमार ने हत्याकांड की जांच और अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए एसआईटी का गठन किया था.