नकली दवाई के काला बाजार से जनता हो रही त्रस्त, प्रशासन हो सख्त – परवेज अहमद

 

कहा – स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही से जिले में हो रहे हैं नकली दवाई की सप्लाई

राजनांदगांव (दैनिक पहुना)।जिले सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों के आम जनता नकली दवाई के बढ़ते कालाबाजारी से परेशान हैं, इसी प्रकार भारतीय जनता पार्टी अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश सदस्य परवेज अहमद पप्पू ने कहा कि दवाई जब भी कोई व्यक्ति बीमार होता है, तो जाहिर सी बात है, उसे ठीक होने के लिए मेडिसिन ( दवाई ) की जरुरत पड़ती है, लेकिन आज के समय कई ऐसे लोग भी है, जो नकली दवाई बनाने का काम कर रहे हैं, बीमार व्यक्ति अगर नकली दवाई खाता है, तो ठीक होने की बजाय और भी बीमार हो जाता है, नकली सीरप बनाने में पानी, चीनी या गुड़ व अन्य केमिकल डाल दिया जाता है, ताकि स्वाद मीठा रहे। इसमें खाने वाले रंग का इस्तेमाल भी किया जाता है, गला ठंडा करने के लिए पीपरमेंट का भी प्रयोग होता है, दवा के लिए सस्ते वाले टैबलेट को पीसकर मिलाया जाता है, नकली दवाई के रूप में मुख्य रूप से इन दवाओं का उपयोग किया जा रहा है जैसे कि बुखार के लिए पेरासिटामाल, सर्दी खांसी में बेटनेसाल व नोबेलकोल्ड, हाथ पैर दर्द में कोरप्लाम, पेट दर्द में क्लोमीन, सांस के तकलीफ में डेरीफाइलिंन, सिर दर्द में नाइस इन दवाओं का उपयोग ज्यादातर किया जाता है, ऐसा करने वाले शातिर प्रशासन की आंख में धुल झोंककर ही ऐसा सब करते हैं, तभी तो वह पुलिस के हाथ नहीं आ रहे हैं, दवाई लेते समय मेडिकल उपभोक्ता बिल जरूर ले ताकि डुप्लीकेट दवाइयों की दुकाने पकड़ में आ सके। जिला प्रशासन को इस विशेष ध्यान देते हुए ऐसे मेडिकल स्टोर्स व मेडिकल एजेंसी पर कड़ी कार्रवाई करने के लिए संबंधित विभाग जैसे कि स्वास्थ्य विभाग और ड्रग्स विभाग को आदेश करना चाहिए और ऐसे मेडिकल स्टोर से और मेडिकल एजेंसीयो का लाइसेंस रद्द करना चाहिए। इस स्थिति में नकली दवाई से आम जनता को बहुत ही ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
श्री अहमद ने आगे कहा कि नकली दवाई का कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है, यह दवाएं दूर – दराज के मेडिकल स्टोरों पर खपाई जा रही हैं, जिले सहित ग्रामीण क्षेत्रों के आसपास छोटे मेडिकल स्टोर्स में नकली दवाई आसानी से बिक जाती है, इसलिए नकली दवाएं भेजी जा रही हैं, बिना बिल के इनका कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है, ऐसी दवा ओरिजनल दवा की तुलना में काफी सस्ते रेट में दुकानदारों को मिल रही है, जिसे वह ओरिजनल से दो – चार रुपये सस्ता बेचकर भी अच्छा खासा मुनाफा कमा रहे हैं, यदि कोई दुकादार नकली सामग्री देता है, तो उपभोक्ता संरक्षा अधिनियम के तहत उपभोक्ता फोरम में शिकायत दर्ज कराई जा सकती है, स्थायी लोक अदालत में इसके लिए शिकायत दर्ज कराई जा सकती है, ड्रग इंस्पेक्टर के यहां भी शिकायत हो सकती है, सामग्री खरीदते वक्त बिल जरूर लें, यदि दुकानदार बिल नहीं दे रहा है, तो भी इसकी शिकायत की जा सकती है, ये ड्रग एंड कास्मेटिक एक्ट के तहत ये कृत्य आपराधिक श्रेणी में आता है, और इसमें आजीवन कारावास तक का प्रविधान है।

error: Content is protected !!