नई दिल्ली: SBI ATM Withdrawl Rule Changed: एसबीआई के ग्राहकों के लिए जरूरी खबर है. बैंक ने अपने ग्राहकों को एटीएम फ्रॉड से बचाने के लिए एक खास सुविधा दी है. दरअसल, एसबीआई के एटीएम से कैश निकासी के नियमों में बदलाव हो गया है. SBI ने एटीएम से ट्रांजैक्शन को और अधिक सुरक्षित बनाने के लिए ये कदम उठाया है. अब एसबीआई एटीएम से कैश निकालने के लिए ओटीपी दर्ज करना अनिवार्य हो गया है. अगर आप भी एटीएम फ्रॉड से बचना चाहते हैं तो बैंक की इस खास सुविधा का लाभ जरूर उठाएं.
इस नए नियम के तहत ग्राहक बिना ओटीपी के कैश नहीं निकाल सकता है. इसमें कैश निकासी के समय ग्राहकों को उनके मोबाइल फोन पर एक ओटीपी मिलता है जिसे डालने के बाद ही एटीएम से कैश निकलता है.
बैंक ने दी जानकारी
बैंक ने ये जानकारी भी दी है कि एसबीआई एटीएम में लेनदेन के लिए हमारी ओटीपी आधारित नकद निकासी प्रणाली धोखेबाजों के खिलाफ टीकाकरण है. आपको धोखाधड़ी से बचाना हमेशा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता होगी. एसबीआई के ग्राहकों को इस बात की जानकारी होनी चाहिए कि ओटीपी आधारित नकद निकासी प्रणाली कैसे काम करेगी.
जानिए क्या है नियम?
आपको बता दें कि 10,000 और उससे ज्यादा रकम निकासी पर ये नियम लागू हुए हैं. एसबीआई के ग्राहकों को उनके बैंक खाते से रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर भेजे गए एक ओटीपी और उनके डेबिट कार्ड पिन के साथ हर बार अपने ATM से 10,000 रुपये और उससे अधिक निकालने की अनुमति देता है. आइए जानते हैं इसका पूरा प्रोसेस.
यहां जानें प्रोसेस
– एसबीआई एटीएम से नकदी निकालने के लिए आपको एक ओटीपी (OTP) की जरूरत होगी.
– इसके लिए आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी भेजा जाएगा.
– ये ओटीपी एक चार अंकों की संख्या होगी जो ग्राहक को सिंगल ट्रांजैक्शन के लिए मिलेगा.
– एक बार जब आप वह राशि दर्ज कर लेते हैं जिसे आप निकालना चाहते हैं, तो एटीएम स्क्रीन पर ओटीपी डालने को कहा जाएगा.
– आपको कैश निकासी के लिए इस स्क्रीन में बैंक के साथ रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर प्राप्त ओटीपी दर्ज करना होगा.
बैंक ने बताया क्यों पड़ी इसकी जरूरत
बैंक की तरफ से ये कदम इसलिए उठाया गया है ताकि ग्राहकों को फ्रॉड से बचाया जा सके. देश के सबसे बड़े सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक SBI के पास भारत में 71,705 BC आउटलेट्स के साथ 22,224 शाखाओं और 63,906 ATM/CDM का सबसे बड़ा नेटवर्क है. इंटरनेट बैंकिंग और मोबाइल बैंकिंग का उपयोग करने वाले ग्राहकों की संख्या लगभग 9.1 करोड़ और 2 करोड़ है.