नई दिल्ली: जर्मनी की एक अदालत ने पांच साल की यजीदी बच्ची को प्यासा मारने के जुर्म में आईएस (IS) के आंतकी को उम्रकैद की सजा सुनाई है. सजा सुनते ही आतंकी कोर्ट में ही गिर गया. अल-जुमैली (Al-Jumaili) नाम के आईएस आतंकी की पत्नी को भी कोर्ट ने 10 साल जेल की सजा सुनाई है. आईएस (IS) ने करीब 5 साल तक मोसुल में यजिदियों पर जुल्म किए थे.
सबसे भयानक हकीकत
मानव इतिहास की सबसे भयानक हकीकत है, जब आईएसआईएस (ISIS) के आतंकवादियों ने करीब 5 साल पहले इराक और सीरिया के बड़े हिस्सों में आतंक और मौत का तांडव मचाने की शुरुआत की थी. उन्होंने किसी को नहीं छोड़ा, लेकिन सबसे ज्यादा दुर्गति उन यजीदी महिलाओं और छोटी-छोटी बच्चियों की हुई, जिनका जीवन संवरने से पहले ही उजाड़ दिया गया.
यजीदी महिलाओं को दी गई यातनाएं
हजारों की संख्या में महिलाओं और लड़कियों के साथ बलात्कार किया गया. उन्हें बेचा गया और उन्हें तरह-तरह की यातनाएं दी गईं. उन्हीं हजारों यजीदी महिलाओं में से एक हैं 5 साल की बच्ची और उसकी मां, जिनके साथ भी जुल्म की सारी हदें तोड़ दी गई.
आतंकी का गुनाह सुन कांप जाएगी रूह
आईएसआईएस (ISIS) के आतंक से जुड़ी खबरें टीवी पर देखी होंगी. उनके बारे में अखबार में पढ़ा भी होगा, लेकिन जर्मनी की अदालत से सजा पाने वाले आईएसआईएस आतंकी ने जो एक 5 साल की बच्ची के साथ जुल्म किया. सुन कर आपकी रूह कांप जाएगी. 29 साल के इस इराकी आईएसआईएस आतंकी ताहा अल जुमैली को एक पांच साल की बच्ची के कत्ल के जुर्म में उम्रकैद की सजा सुनाई गई है.
आतंकी ने बच्ची को पयासा मार दिया
अल-जुमैली (Al-Jumaili) और उसकी पूर्व पत्नी जेनिफर वेनिश ने साल 2015 में आईएस वाले कब्जे मोसुल में रहते हुए एक यजीदी महिला और बच्चे को घरेलू गुलाम के रूप में खरीदा था. इसके बाद वो फालुज चले गए, जहां अल जुमैली ने पांच साल की बच्ची को सिर्फ इसलिए प्रताड़िता किया, क्योंकि उसने वे बीमारी में गद्दे को गीला कर दिया था. उसने बच्ची को 50 डिग्री सेल्सियस तक की भीष्ण गर्मी में खिड़की पर जंजीरों से बांध दिया था, जिसके बाद बच्ची की प्यास से मौत हो गई.
सजा सुनाए जाने पर बेहोश हुआ आतंकी
आईएसआईएस आतंकी अल-जुमैली के सामने एक मासूम ने प्यास के मारे दम तोड़ दिया. इसने बीमार बच्ची को जंजीरों में जकड़े रखा और मासूम ने दम तोड़ दिया. वहीं आतंकी कोर्ट में सुनवाई के दौरान फोल्डर ये अपना चेहरा ढककर खड़ा रहा. अदालत से उम्रकैद की सजा सुनने के बाद ये आंतकी कोर्ट में ही गिर पड़ा, जिसकी वजह से सुनवाई कुछ देर के रोक दी गई.
यजीदी इतिहास में पहली बार आतंकी को सजा
यजीदी इतिहास में ये पहली बार है जब नरसंहार के आरोप में अदालत में सजा सुनाई गई है. इससे पहले पिछले महीने इस आतंकी की पूर्व पत्नी को भी इस केस में 10 साल की सजा सुनाई गई थी. जेनिफर वेनिश 2013 में आईएसआईएस में शामिल हो गई थी. इस्लामिक स्टेट के लिए काम कर रहे अल-जुमैली से शादी करने के बाद वो भी IS से जुड़ गई. इसके बाद जेनिफर और उसके पति ने एक यजीदी महिला और उसकी 5 साल की बच्ची को खरीद कर गुलाम के रूप में रख लिया.
बच्ची को इंसाफ दिलाने के लिए मां ने लड़ी लंबी लड़ाई
एक दिन जब बच्ची ने बीमार होने के कारण बिस्तर गीला कर दिया तो जेनिफर के पति ने इसकी सजा देते हुए उसे गर्मी में जंजीरों से बांध कर छोड़ दिया. भीषण गर्मी के कारण प्यास से उस बच्ची की मृत्यु हो गई. जेनिफर ने न ही पति को रोका और ना ही मासूम बच्ची को 2 कतरे पानी ही पिलाया. अपनी बच्ची को इंसाफ दिलाने के लिए एक मां ने लंबी लड़ाई लड़ी और बच्ची की मां म्यूनिख और फ्रैंकफर्ट तक निरंतर इस बात की गवाही दी कि उसकी बच्ची की दर्दनाक हत्या की गई.