उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि बचपन से ही हमें सही और गलत का भेद सिखाया जाता है. माताओं की भूमिका बच्चों को जीवन के उचित और अनुचित कार्यों के प्रति जागरूक करने में महत्वपूर्ण होती है. इसी प्रकार यह सत्र समाज में सुरक्षा और नियमों के प्रति एक सकारात्मक सोच विकसित करेगा. उन्होंने कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि इस प्रक्रिया को निरंतर जारी रखा जाए, ताकि हर व्यक्ति सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक हो सके.
उपमुख्यमंत्री शर्मा ने सड़क सुरक्षा अनुभव कक्ष के शुभारंभ में कहा कि अब ड्राइविंग लाइसेंस बनाने आने वाले व्यक्तियों को एक विशेष ऑडियो, वीडियो सत्र से गुजरना होगा. यह सत्र आवेदनकर्ताओं को ट्रैफिक नियमों और सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से शुरू किया गया है.
उपमुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि इस प्रक्रिया का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि प्रत्येक व्यक्ति ट्रैफिक नियमों, चालान प्रक्रिया और सुरक्षित वाहन संचालन के महत्व को गहराई से समझे. ऑडियो, वीडियो सत्र पूरा करने के बाद प्रतिभागियों को एक प्रमाण पत्र प्रदान किया जाएगा. यह प्रमाण पत्र यह दर्शाएगा कि उन्होंने सड़क सुरक्षा के नियमों को समझ लिया है. यह सत्र लोगों को सड़क पर सही निर्णय लेने और सुरक्षा उपायों को प्राथमिकता देने के लिए प्रेरित करेगा. इससे न केवल ट्रैफिक नियमों के पालन में सुधार होगा, बल्कि सड़क दुर्घटनाओं की संख्या भी कम होगी. उपमुख्यमंत्री ने कहा कि विभागीय प्रक्रियाओं में पारदर्शिता और जागरूकता बढ़ाने के लिए यह कदम उठाया गया है. यह सुनिश्चित करेगा कि ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त करने वाला हर व्यक्ति सड़क पर जिम्मेदारी से वाहन चलाए. उन्होंने कहा कि संपूर्ण छत्तीसगढ़ में इस प्रक्रिया की शुरुआत कवर्धा से की गई है. इसे पूरे राज्य में लागू किया जाएगा, ताकि अधिक से अधिक लोगों को लाभ मिले.
उपमुख्यमंत्री शर्मा के समक्ष उस समय कार्यालय में लाईसेंस बनवाने के लिए आए नागरिकों ने भी सड़क सुरक्षा अनुभव कक्ष का अवलोकन किया और वहां उपलब्ध जानकारी का लाभ लिया. उन्होंने कहा कि इस कक्ष की स्थापना से न केवल स्थानीय नागरिकों को सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता मिलेगी. इस उद्घाटन के साथ ही कबीरधाम जिला एक कदम और आगे बढ़ा है, जहां सड़क सुरक्षा को लेकर जागरूकता के साथ-साथ सुरक्षा उपायों को प्राथमिकता दी जा रही है.