अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के प्रमुख महंत नरेंद्र गिरि के निधन के बाद अब उनके उत्तराधिकारी की तलाश शुरू हो गई है. महंत नरेंद्र गिरि बाघंबरी मठ से आते है, ऐसे में अब उनके स्थान पर किसी का चयन जरूरी है. अपने सुसाइड नोट में उन्होंने बलबीर गिरि को उत्तराधिकारी बनाने के संकेत दिए, लेकिन अभी इसपर संतों में अलग-अलग राय है.
पंचायती अखाड़ा के महामंडलेश्वर महीशानंद महाराज ने कहा कि महंत नरेंद्र गिरि जैसा साहसी व्यक्ति आत्महत्या नहीं कर सकता है, यह हत्या है. महीशानंद महाराज ने कहा कि सुसाइड नोट की राइटिंग का मिलान होना बेहद जरूरी है, नरेंद्र गिरि कभी इतना लिखते ही नहीं थे. इसी के साथ उन्होंने कहा कि पहले सुसाइड नोट पर चीज़ें तय हो कि वह नरेंद्र गिरी जी ने लिखा है और उसके बाद ही माना जाएगा कि बलबीर गिरि उत्तराधिकारी हैं. महामंडलेश्वर महीशानंद महाराज ने जानकारी दी है कि भूमि समाधि के बाद संतों की बैठक होगी. बैठक में चादर डालने की रस्म में तय होगी, जिसमें उत्तराधिकारी का चयन होगा.
रामविलास वेदांती ने भी खड़े किए सवाल
पूर्व सांसद और अयोध्या के संत रामविलास वेदांती भी पहले सुसाइड नोट पर सवाल खड़े कर चुके हैं. रामविलास वेदांती ने कहा था कि नरेंद्र गिरि को हम राम मंदिर आंदोलन से जानते हैं, उन्होंने वह सुसाइड नोट लिखा ही नहीं है.