पुणे. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को पुणे में लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार समारोह में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार के साथ मंच साझा किया. प्रधानमंत्री मोदी को एनसीपी सुप्रीमो ने लोकमान्य तिलक पुरस्कार से सम्मानित किया. प्रधानमंत्री को उनके ‘सर्वोच्च नेतृत्व’ और ‘नागरिकों में देशभक्ति की भावना जगाने’ के लिए इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
इस मौके पर शरद पवार ने पीएम मोदी से कहा कि आपने देश के लिए जो कार्य किए हैं, उसके लिए ही आपको ये सम्मान दिया जा रहा है. उन्होंने प्रधानमंत्री को सम्मान के लिए बधाई दी और कहा कि इससे पहले पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी, डॉ. मनमोहन सिंह, शंकर दयाल शर्मा और इंदिरा गांधी को भी यह गौरव हासिल हो चुका है, लेकिन अब इस लिस्ट में पीएम मोदी मोदी का भी नाम शामिल हो गया है.
पवार ने पीएम मोदी के साथ मंच साझा न करने के विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया’ के अनुरोध को स्वीकार नहीं किया था. ‘इंडिया’ के सदस्यों का मानना है कि ऐसे वक्त में जब भाजपा के खिलाफ एकजुट होकर एक मोर्चा बनाया जा रहा है तो पवार का इस कार्यक्रम में शामिल होना विपक्ष के लिए अच्छा नहीं होगा. पवार ने उन सांसदों से मुलाकात नहीं की थी जो उन्हें इस समारोह में शामिल न होने के लिए मनाना चाहते थे.
लोकमान्य तिलक की विरासत का सम्मान करने के लिए 1983 में तिलक स्मारक मंदिर ट्रस्ट द्वारा इस पुरस्कार की शुरुआत की गई थी. यह पुरस्कार हर साल एक अगस्त को लोकमान्य तिलक की पुण्यतिथि पर दिया जाता है. कुछ सामाजिक संगठनों और विभिन्न राजनीतिक दलों के सदस्यों ने पीएम मोदी के दौरे के खिलाफ प्रदर्शन किया. सामाजिक कार्यकर्ता बाबा अदहव ने प्रदर्शन की अगुवाई की तथा प्रदर्शनकारियों ने काले झंडे दिखाए.
#WATCH | Maharashtra | Prime Minister Narendra Modi holds a candid conversation with NCP chief Sharad Pawar in Pune.
(Source: Maharashtra Dy CM Devendra Fadnavis YouTube) pic.twitter.com/JPowJFgVWT
— ANI (@ANI) August 1, 2023
विपक्षी गठबंधन के सदस्यों ने दगडूशेठ हलवाई गणेश मंदिर से करीब 300 मीटर दूर मंडई में प्रदर्शन किया. पीएम मोदी ने पुणे पहुंचने के बाद इस मंदिर में पूजा-अर्चना की. कांग्रेस, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे), राकांपा (शरद पवार गुट) और विभिन्न सामाजिक संगठनों के सदस्यों ने प्रदर्शन में भाग लिया.