महाकुंभ पर लोकसभा में बोले PM मोदी पीएम मोदी ने लोकसभा में अपने संबोधन में कहा कि मैं प्रयागराज में महाकुंभ के आयोजन पर विचार साझा करने के लिए यहां उपस्थित हूं. इस अवसर पर, मैं इस सदन के माध्यम से करोड़ों देशवासियों को नमन करता हूं, जिनकी मेहनत से महाकुंभ का सफल आयोजन संभव हुआ. महाकुंभ की सफलता में कई लोगों का योगदान है, और मैं सरकार के सभी कर्मयोगियों का अभिनंदन करता हूं. विशेष रूप से, मैं देशभर के श्रद्धालुओं और उत्तर प्रदेश की जनता, विशेषकर प्रयागराज के निवासियों का आभार व्यक्त करता हूं.
विश्व ने महाकुंभ के विराट स्वरूप के दर्शन किए- PM पीएम मोदी ने कहा कि गंगाजी को धरती पर लाने के लिए भागीरथ का प्रयास किया गया था, और इसी प्रकार का महाप्रयास इस महाकुंभ के भव्य आयोजन में देखने को मिला है. मैंने लालकिले से सबके प्रयास के महत्व पर बल दिया था, और पूरे विश्व ने महाकुंभ के माध्यम से भारत के विशाल स्वरूप का अनुभव किया. यह सबका प्रयास का वास्तविक रूप है, जो जनता जनार्दन की श्रद्धा और संकल्पों से प्रेरित है. संसद में उठा रेल टिकट का मुद्दा संसद की कार्यवाही, जो होली के बाद शुरू हुई, में कांग्रेस और टीएमसी ने राज्यसभा में वोटर लिस्ट में गड़बड़ी के मुद्दे पर चर्चा की मांग की.
हालांकि, सभापति ने इस पर चर्चा की अनुमति नहीं दी, जिसके परिणामस्वरूप विपक्ष ने सदन से वॉकआउट किया. टीएमसी की सांसद ने रेल टिकट के मुद्दे को उठाते हुए कहा कि सरकार टिकट रद्द होने से करोड़ों रुपये की कमाई कर रही है, जबकि यात्रियों को ट्रेनों में आवश्यक सुविधाएं नहीं मिल रही हैं. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकार वंदे भारत ट्रेनों के संचालन पर अमीरों का ध्यान केंद्रित कर रही है, जबकि गरीबों के लिए यात्री ट्रेनों में बुनियादी सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं हैं.
सोनिया गांधी ने मनरेगा को लेकर सरकार को घेरा कांग्रेस सांसद सोनिया गांधी ने राज्य सभा में मनरेगा के संदर्भ में कहा कि वर्तमान भाजपा सरकार ने इस महत्वपूर्ण योजना को जानबूझकर कमजोर कर दिया है, जो अत्यंत चिंताजनक है. उन्होंने बजट आवंटन को 86,000 करोड़ रुपये पर स्थिर रहने की बात की और बताया कि इस योजना को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, जैसे आधार-आधारित भुगतान प्रणाली, राष्ट्रीय मोबाइल निगरानी प्रणाली, मजदूरी भुगतान में देरी और अपर्याप्त भुगतान. कांग्रेस ने इस योजना के लिए पर्याप्त वित्तीय प्रावधान, न्यूनतम मजदूरी में 400 रुपये प्रतिदिन की वृद्धि और मजदूरी के समय पर वितरण की मांग की है.
