रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन किसानों की कर्जमाफी को लेकर विपक्ष ने सदन में जमकर हंगामा किया. चर्चा के दौरान विपक्ष ने बीजेपी सरकार पर किसानों के साथ धोखेबाजी का आरोप लगाया. जिसपर डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने कहा कि, ‘मैनें जिस समय कर्जमाफी की बात कही थी, तब भाजपा का घोषणा पत्र नहीं आया था. बाद में बीजेपी का घोषणा पत्र आया और जनता ने उस पर जनादेश दिया’.
विपक्ष के सदस्यों ने कर्जमाफी पर उठाए सवाल पर कहा कि, जनता के जनादेश का सम्मान होना चाहिए. डिप्टी सीएम विजय शर्मा के बयान के बाद सदन में तीखा विरोध शुरू हो गया. कांग्रेस विधायक उमेश पटेल ने कहा कि, ‘मोदी की गारंटी में 21 क्विंटल 3100 में धान खरीदी की बात कही गई. जबकि हमने 20 क्विंटल की बात कही थी, तब इसका विरोध किया गया.
कल 21 क्विंटल का आदेश जारी हुआ, लेकिन प्रावधान नहीं है. आदेश जारी कर दिया, लेकिन सोसायटी को आदेश दिया. 700 क्विंटल छोटी सोसायटी और 1600 से ज्यादा बड़ी सोसायटी नहीं खरीद पाएंगे. किसानों को न्याय योजना की चौथी क़िस्त दें. जल्द मंत्रिमंडल का गठन कीजिए, मुख्यमंत्री जी. बीजेपी ने कर्जमाफी की बात कही थी, लेकिन कर्जमाफी नहीं हुई. किसान कर्जमाफी नहीं होने से आत्महत्या कर रहे हैं.