बाज़ार में कांटेमारी पर अंकुश नहीं, विभागीय अधिकारी झांकने तक नहीं आते

लेनदेन में लगातार ठगे जा रहे ग्राहक

राजनांदगांव (पहुना)। शहर के बाज़ार में इन दिनों कांटेमारी की शिकायतें आम हैं। विभागीय अधिकारी बाज़ार में झांकने तक नहीं आते, इससे तौल में कलाकारी करके कम सामान देने वालों के हौसले बुलंद हैं। इसके विपरीत ग्राहक, उपभोक्ता लगातार ठगे जा रहे हैं।
शहर के बाज़ार में फल-सब्जी, अनाज, किराना, होटल-हलवाई व्यवसाय में भी कम तौल की कला कोई नई बात नहीं है। सांकल वाले मेनुअल तराजू के दिन लदने के बाद भी ऐसा हो रहा है। इलेक्ट्रॉनिक कांटे बाँट पर भी ग्राहकों को छेड़छाड़ का संदेह बना रहता है। यह तब समझ में आता है जब आप बाज़ार से फल सब्जियां जब भी सामान तौलाकर घर लायें और विश्वसनीस दुकानदार से तौलायें। इतना ही नहीं कुछ स्थानों पर मैनुअल कांटे बाँट टूटफूट अवस्था में हैं। पत्थर, गोटे व लोहे के पुर्जे रखकर भी सामान तौले जाते हैं। ऐसा करने वालों को ग्राहक रोक-टोक भी नहीं सकते, अगर ऐसा करें तो विवाद पर उतारू हो जाते हैं। सत्यापन का भी ठिकाना नहीं रहता, और तो और बहुतों को नाप-तौल विभाग का अता पता भी नहीं। कांटे-बाट का सत्यापन कराने के लिये नये व्यवसायी भटक जाते हैं। शहर में पुराने दिग्विजय स्टेडियम में इस विभाग का दफ्तर था तब बहुत लोग जानते थे। उसके बाद नीलगिरि पार्क में प्राईवेट बिल्डिंग में स्थानांतरित हुई थी, फिर उसके बाद स्वतः के नये भवन आरटीओ ऑफिस के पास पेंड्री में जो कि आम व्यवसायियों के लिए बहुत दूर हैं।

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